नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को गुजरात सरकार से कहा कि सांसदों, विधायकों, मंत्रियों और राज्य उच्च न्यायालय के कुछ न्यायाधीशों को कथित तौर पर कम दर पर आवंटित भूखंडों के हस्तांतरण जैसे मुद्दों पर योजना या दिशानिर्देश बनाए जाएं।
प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत तथा न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, ‘‘पूरे मुद्दे पर राज्य सरकार दिशानिर्देश या योजनाएं बनाए।’’ राज्य के एक विधायक की याचिका पर पीठ सुनवाई कर रही थी जिन्होंने आग्रह किया कि आवंटित भूखंड को हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाए, अगर इस लेन-देन से लाभ कमाने की मंशा नहीं है।
पीठ विधायक की अंतरिम याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कहा गया कि अदालत के पहले के आदेश में संशोधन किया जाए ताकि जिनके नाम पर आवंटन हुआ है वे संपत्ति को हस्तांतरित कर सकें, अगर इसमें धन कमाने की मंशा नहीं है।
पीठ ने कहा, ‘‘हम देखेंगे, पहले राज्य योजना या दिशानिर्देश बनाए।’’
याचिकाकर्ता माउलिन बारोट की तरफ से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि याचिका गुजरात में सांसदों, विधायकों को सस्ते दर पर भूखंड आवंटन से जुड़ी हुई है और मामले पर पहले गुजरात उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई थी।
मामले में अंतिम सुनवाई की मांग करते हुए भूषण ने कहा कि उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीशों ने मामले में सुनवाई से खुद को अलग कर लिया क्योंकि भूखंड कुछ न्यायाधीशों को भी आवंटित हुए थे।
पीठ ने कहा, ‘‘श्रीमान भूषण, हम अंतिम निस्तारण के लिए तारीख बाद में देंगे।’’
भाषा नीरज नीरज पवनेश
पवनेश
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