कांग्रेस के नेताओं में यदि जरा भी समझ होती तो वे अयोध्या समारोह का निमंत्रण स्वीकार कर लेते: सोनोवाल

कांग्रेस के नेताओं में यदि जरा भी समझ होती तो वे अयोध्या समारोह का निमंत्रण स्वीकार कर लेते: सोनोवाल

कांग्रेस के नेताओं में यदि जरा भी समझ होती तो वे अयोध्या समारोह का निमंत्रण स्वीकार कर लेते: सोनोवाल
Modified Date: January 12, 2024 / 07:41 pm IST
Published Date: January 12, 2024 7:41 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

गुवाहाटी, 12 जनवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस के नेताओं में यदि जरा भी समझ और ‘‘देश की जनता के प्रति समर्पण भाव होता’’ तो वे 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लेते।

केंद्रीय जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता समारोह में शामिल हो सकते थे और भगवान राम के प्रति सम्मान दिखा सकते थे।

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उन्होंने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘प्रत्येक भारतीय उस दिन (22 जनवरी) का बेसब्री से इंतजार कर रहा है क्योंकि यह एक ऐतिहासिक और अद्भुत क्षण होगा लेकिन कांग्रेस ने अपना आत्मविश्वास खो दिया है।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर में होने जा रहे भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे।

कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘वे एक हजार यात्राएं कर सकते हैं लेकिन वे लोगों के दिलों में जगह नहीं बना सकते क्योंकि 60 साल के शासन की उनकी यात्रा के दौरान उनके पास कोई नीति या दिशा नहीं थी।’’

सोनोवाल ने कहा, ‘‘वे किस न्याय की बात कर रहे हैं? क्या उन्होंने लोगों को न्याय दिया? उन्होंने देश और इसकी जनता के साथ अन्याय किया। पार्टी ने घोटालों और भ्रष्टाचार के जरिये देश के प्रशासनिक तंत्र को कमजोर कर दिया और 60 वर्ष तक लोगों को धोखा दिया।’’

उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को स्वीकार कर लिया है और पार्टी को अपने दिलों में जगह दी है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साढ़े नौ वर्ष में ईमानदारी और समर्पण भाव के साथ देश की सेवा की है।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव


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