Vande Bharat: चितंबरम का पाक ‘प्रेम’..सियासी संग्राम! क्या पी. चिदंबरम के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है? देखें वीडियो
P Chidambaram Pahalgam Controversy: चितंबरम का पाक 'प्रेम'..सियासी संग्राम! क्या पी. चिदंबरम के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है? देखें वीडियो
Chidambaram Pahalgam Controversy | Photo Credit: IBC24
- पी. चिदंबरम के बयान से संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस
- कांग्रेस ने हमले की जांच पर पारदर्शिता की मांग की
- सियासत के बीच पीड़ितों के परिवार जवाब के इंतजार में
नई दिल्ली: P Chidambaram Pahalgam Controversy एक तरफ संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर पक्ष-विपक्ष चर्चा शुरू कर चुके हैं। सबके अपने-अपने तर्क, अपने-अपने आरोप हैं, लेकिन इसी बीच देश के पूर्व गृहमंत्री, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम के बयान ने बीजेपी को कांग्रेस को चौतरफा घेरने और पाकिस्तान परस्त होने का आरोप लगाने का मौका दे दिया।
P Chidambaram Pahalgam Controversy दरअसल, चिदंबरम ने एक इंटरव्यू में सवाल उठाया कि सरकार ने अब तक पहलगाम के आतंकी के हमलावरों की पहचान क्यों नहीं की है और बिना सबूत के पाकिस्तान को जिम्मेदार क्यों ठहराया जा रहा है? पी चिदंबरम ने ये सवाल ना केवल सरकार से पूछा है बल्कि फिर देश की सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ते नेताओं ने इस बयान का समर्थन किया है।
चिदंबरम के इस बयान पर बीजेपी ने कड़ा ऐतराज जताया। बीजेपी के कई नेताओं ने कांग्रेस पर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया। बीजेपी ने चिदंबरम के बयान पर तीखा प्रहार किया, तो वहीं, चिदंबरम ने बीजेपी के हमलों का जवाब दिया। पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री ने X पर लिखा, ट्रोल्स कई तरह के होते हैं, सबसे खराब वो हैं जो पूरे इंटरव्यू को दबाकर, दो वाक्यों को चुनकर और कुछ शब्दों को म्यूट कर मुझे बदनाम करते हैं, उन्होंने दावा किया कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है।
ये विवाद ऐसे समय में उभरा है जब संसद में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर बहस चल रही थी। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर दुश्मन का साथ दे रही है, जबकि कांग्रेस का दावा है कि सरकार हमले की जांच में पारदर्शिता नहीं बरत रही। इस बीच, पहलगाम हमले के पीड़ितों के परिवार अभी भी जवाब का इंतजार कर रहे हैं। सवाल ये है कि क्या ये सियासी बयानबाजी पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करेगी? या फिर ये सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने का एक और मौका बनकर रह जाएगा?

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