घृणा भाषण : याचिकाकर्ता ने अलीगढ़ और हरिद्वार के जिलाधिकरियों को एहतियाती कदम के लिए पत्र लिखा |

घृणा भाषण : याचिकाकर्ता ने अलीगढ़ और हरिद्वार के जिलाधिकरियों को एहतियाती कदम के लिए पत्र लिखा

घृणा भाषण : याचिकाकर्ता ने अलीगढ़ और हरिद्वार के जिलाधिकरियों को एहतियाती कदम के लिए पत्र लिखा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : January 14, 2022/6:25 pm IST

नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) पत्रकार और हरिद्वार और दिल्ली में आयोजित कार्यक्रमों में दिए गए कथित घृणा भाषणों के मामले की जांच और कार्रवाई के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने वाले कुर्बान अली ने अलीगढ़ और हरिद्वार के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर एहतियाती कदम उठाने की मांग की है ताकि सुनिश्चित हो सके कि भविष्य में घृणा भाषण जैसी घटना नहीं हो।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली और हरिद्वार के मामले में पत्रकार कुर्बान अली और पटना उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है जिसपर प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की पीठ ने 12 जनवरी को दिल्ली और उत्तराखंड पुलिस को नोटिस जारी किये थे।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया था कि अलीगढ़ में ‘धर्म संसद’ होने वाली है।इस पर पीठ ने कहा था कि याचिकाकर्ताओं को संबंधित स्थानीय अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखने की स्वतंत्रता है।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और उत्तरखंड के हरिद्वार जिले के जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में अली ने कहा कि ‘धर्म संसद’ के नाम से हरिद्वार और दिल्ली में 17-19 दिसंबर को कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें इस तरह (कथित घृणा फैलाने वाले) के भाषण दिए गए थे।

अली ने 12 जनवरी को शीर्ष अदालत के दिए आदेश का संदर्भ देते हुए कहा कि यह पत्र उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई स्वतंत्रता के आधार पर भेज रहे हैं। उन्होंने पत्र में कहा है कि अगर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ऐसे कार्यक्रम हुए तो वे न केवल ‘‘शांति व्यवस्था’’भंग करेंगे बल्कि वे कई अपराधों के समान भी होंगे।

अलीगढ़ के जिलाधिकारी को संबोधित पत्र में कहा गया कि मीडिया में खबरे हैं कि जिले में 22-23 जनवरी को एक और ‘धर्म संसद’ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें वे वक्ता ही बोलेंगे जिन्होंने पिछले साल 17 -19 दिसंबर के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।

पत्र में कहा गया, ‘‘ किसी भी भीड़ हिंसा को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है और आपके पास अलीगढ़ प्रशासन की जिम्मेदारी है। इसलिए यह जिम्मेदारी आपके कंधों पर है कि इस तरह के भाषण नहीं हो एवं यह सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाएं।’’

हरिद्वार के जिलाधिकारी को लिखे पत्र में अली ने कहा कि खबरें है कि ‘‘शंकराचार्य परिषद’’ के संतो ने 17-19 दिसंबर को आयोजित ‘धर्म संसद’ के वक्ताओं के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के विरोध में 16 जनवरी को बैठक बुलाने की घोषणा की है।

पत्र में कहा गया है कि दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और चुनाव के बीच में ऐसे भाषण दिए जाते हैं तो, ‘‘वे सामाजिक शांति को अस्थिर करेंगे और जिसका गंभीर असर देश की राजनीति पर होगा।’’

अली ने कहा, ‘‘हम अनुरोध करते हैं कि अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए सभी एहतियाती कदम उठाएं क्योंकि यह जरूरी है…।’’

भाषा धीरज अनूप

अनूप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)