उच्च न्यायालय ने केईए को सीईटी रैकिंग में तकनीकी समिति के सुझावों का पालन करने का निर्देश दिया |

उच्च न्यायालय ने केईए को सीईटी रैकिंग में तकनीकी समिति के सुझावों का पालन करने का निर्देश दिया

उच्च न्यायालय ने केईए को सीईटी रैकिंग में तकनीकी समिति के सुझावों का पालन करने का निर्देश दिया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : September 23, 2022/10:09 pm IST

बेंगलुरु, 23 सितंबर (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) को इस साल साझा प्रवेश परीक्षा (सीईटी) रैंकिंग के लिए तकनीकी समिति के बताए फॉर्मूले का पालन करने का निर्देश दिया है।

यह फार्मूला उन विद्यार्थियों पर लागू होगा जिन्होंने 2020-21 में ‘प्री-यूनिवर्सिटी’ (पीयू) द्वितीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण की है।

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने केईए को निर्देश दिया है कि कर्नाटक राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ बीटी गौड़ा की अगुवाई वाली समिति की ओर से दिए गए सुझावों पर आधारित रैंकिंग सूची पेश करे।

समिति ने सुझाव किया है कि 2021 पीयू बैच के विद्यार्थियों के औसतन छह अंक भौतिकी में, पांच अंक रसायन विज्ञान में और 7 अंक गणित में काटे जाएं और इसके परिणाम स्वरूप 100 अर्हकारी अंकों में कुल 6 अंकों की कटौती होगी ।

केईए ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को एक सीलबंद लिफाफे में बृहस्पतिवार को प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस फॉर्मूले का सीईटी की रैंकिंग में पालन करें।

राज्य सरकार द्वारा गठित एक तकनीकी समिति ने सुझाव दिया था कि कोविड-19 वर्ष (2020-21) के पीयू-2 के छात्रों के प्रत्येक विषय के अंकों में औसतन 6 अंकों की कटौती की जाए ताकि उनकी सीईटी की रैंकिंग इस वर्ष पीयू-2 के2021-22 के बैच के छात्रों के ‘मानक के अनुरूप’ हो जाए

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश

 

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