चेन्नई, सात दिसंबर (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अन्नाद्रमुक पार्टी के समन्वयक और संयुक्त समन्वयक के पदों के लिए संगठनात्मक चुनावों को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका की सुनवाई पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। यह चुनाव आरंभ में आज (सात दिसम्बर को) ही होना था।
पार्टी के पदाधिकारी ओ. पनीरसेल्वम और के. पलानीस्वामी को सोमवार को क्रमशः पार्टी समन्वयक और संयुक्त समन्वयक के रूप में निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। ये दोनों शीर्ष पद एक साथ अन्नाद्रमुक का शीर्ष नेतृत्व बनाते हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम. एन. भंडारी और न्यायमूर्ति पी. डी. ऑडिकेसवालु की पीठ ने मंगलवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, लेकिन उसने आदेश सुनाने के लिए किसी तारीख का उल्लेख नहीं किया। अदालत ने आश्चर्य व्यक्त किया कि आखिर याचिकाकर्ता ने भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को मामले में प्रतिवादी-पक्षकार क्यों बनाया?
पीठ ने कहा कि जब तक निर्वाचन आयोग की भूमिका स्थापित नहीं हो जाती, तब तक याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना जाएगा।
होसुर के अरसानपट्टी निवासी जे. जयचंद्रन ने अपनी याचिका में निर्वाचन आयोग को प्रथम प्रतिवादी बनाया है। जयचंद्रन का आरोप है कि जब वह चार दिसम्बर को नामांकन पत्र हासिल करने पार्टी मुख्यालय गये थे, तो उनके साथ बदसलूकी की गयी।
उन्होंने पार्टी आलाकमान की ओर से नामित चुनाव अधिकारियों – सी पोन्नैयन और पोलाची वी जयरमण- पर मनमाने तरीके से काम करने का याचिका में आरोप लगाया है।
भाषा
सुरेश दिलीप
दिलीप
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