देश में तेजी से बढ़ रहा मंकीपॉक्स, लोगों में भारी भय, अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग, जानें क्या है गाइडलाइन

Monkeypox Cases in India: देश में तेजी से बढ़ रहा मंकीपॉक्स, लोगों में भारी भय, अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग, जानें क्या है गाइडलाइन

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  • Publish Date - July 24, 2022 / 05:54 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

Monkeypox Cases in India: नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना का डर अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि आए दिन मंकीपॉक्स के मराज चिंता बढ़ा रहे है। केरल के बाद अब भारत में मंकीपॉक्स की पुष्टी हुई है। दिल्ली में एक 32 साल के युवक को मंकापॉक्स हुआ है। जानकारी के मुताबिक दुनिया भर में पिछले 6 महीनों में 3,413 मंकीपॉक्स के मामले अब तक सामने आए है, हालांकि इसमें 86% मामले यूरोप और 11% मामले अमेरिका के है।

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गाइडलाइन लागू करने के निर्देश जारी

Monkeypox Cases in India: जैसे ही मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टी हुई थी तब ही भारत ने कमर कस ली थी। आरको बता दें कि मंकीपॉक्स को लेकर भारत ने मई के महीने में गाइडलाइन तैयार कर ली थी। अब मामला सामने आने पर एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर इसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार गाइडलाइन को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

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केरल पहुंची स्वास्थ्य टीम

Monkeypox Cases in India: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल के कोल्लम जिले में मंकीपॉक्स के पुष्ट मामले के मद्देनजर एक मल्टी डिसिप्लिनरी टीम को केरल भेजा है। ये टीम राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए केरल भेजी गई है जो वहां जाकर पब्लिक स्वास्थ्य उपायों को स्थापित करने में मदद करेंगे।

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ये है मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन

  1. देश के हर प्वाइंट ऑफ एंट्री पर मेडिकल स्क्रीनिंग टीम, डॉक्टर, लक्षण वाले और बिना लक्षण के मरीजों की टेस्टिंग, ट्रेसिंग और सर्विलांस टीम का गठन होना चाहिए। साथ ही अस्पताल में मेडिकल तय प्रोटोकॉल के तहत इलाज और क्लिनिकल मैनेजमेंट की व्यस्था हो।
  2. सभी संदिग्ध मामलों की टेस्टिंग और स्क्रीनिंग एंट्री प्वाइंट्स और कम्युनिटी में की जाएगी (या तो अस्पताल आधारित निगरानी के माध्यम से, खसरे के तहत टारगेटेड सर्विलांस, या MSM, FSW आबादी के लिए NACO द्वारा पहचाने गए निगरानी या इंटरवेंशन साइट्स पर)
  3. पेशेंट आइसोलेशन (जब तक सभी घाव समाधान नहीं हो जाता है और पपड़ी पूरी तरह से गिर नहीं जाती है) अल्सर की सुरक्षा, रोगसूचक और सहायक उपचार, लगातार निगरानी और जटिलताओं का समय पर उपचार मृत्यु दर को रोकने के लिए अहम उपाय हैं।
  4. अस्पतालों की पहचान की जानी चाहिए और मंकीपॉक्स के संदिग्ध पुष्ट मामलों के प्रबंधन के लिए सुसज्जित चिन्हित अस्पतालों में पर्याप्त मानव संसाधन और रसद सहायता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

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