अंबानी परिवार की सुरक्षा से संबंधित मामले में केंद्र की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई |

अंबानी परिवार की सुरक्षा से संबंधित मामले में केंद्र की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई

अंबानी परिवार की सुरक्षा से संबंधित मामले में केंद्र की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : June 27, 2022/7:29 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने से संबंधित मामले में त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ केंद्र सरकार की याचिका पर मंगलवार 28 जून को सुनवाई के लिए सहमति जताई है।

उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को अंबानी, उनकी पत्नी एवं बच्चों को खतरे की आशंका और आकलन के संबंध में गृह मंत्रालय के पास रखी वह मूल फाइल पेश करने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई थी।

सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ को बताया कि उच्च न्यायालय को जनहित याचिका पर सुनवाई करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि महाराष्ट्र सरकार की सिफारिश पर केंद्र द्वारा अंबानी परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने से त्रिपुरा सरकार का कोई लेना देना नहीं है।

मेहता ने कहा कि वह चाहते हैं कि अपील पर जल्द सुनवाई हो क्योंकि उच्च न्यायालय ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों को अंबानी परिवार को संभावित खतरे के संबंध में मूल दस्तावेजों के साथ मंगलवार को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। साथ ही उच्च न्यायालय ने कहा है कि अब और स्थगन नहीं दिया जाएगा।

त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने विकास साहा नामक व्यक्ति की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर 31 मई और 21 जून को दो अंतरिम आदेश पारित किए थे। अदालत ने केंद्र सरकार को अंबानी, उनकी पत्नी व बच्चों को होने वाले खतरे की आशंका और आकलन के संबंध में गृह मंत्रालय के पास रखी वह मूल फाइल पेश करने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई थी।

केंद्र ने कहा कि उक्त आदेशों के माध्यम से उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को एक जिम्मेदार अधिकारी को एक सीलबंद लिफाफे में मूल रिकॉर्ड के साथ अदालत के समक्ष सुनवाई की अगली तारीख 28 जून, 2022 को पेश होने के लिए प्रतिनियुक्त करने का भी निर्देश दिया है।

उसने कहा कि उपरोक्त आदेश उच्च न्यायालय द्वारा एक व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका पर पारित किया गया है, जिसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था।

उसने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय को बताया गया था कि, सुरक्षा बलों द्वारा प्राप्त खतरे की रिपोर्ट के आधार पर, 2013 में प्रतिवादी संख्या 2 (मुकेश अंबानी) को ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी और 2016 में प्रतिवादी संख्या 3 (नीता अंबानी) को ‘वाई प्लस’ श्रेणी सीआरपीएफ सुरक्षा दी गई थी।

सरकार ने कहा कि यह बात उच्च न्यायालय को बताई गई थी कि, प्रतिवादी 4 से 6 (आकाश मुकेश अंबानी, अनंत मुकेश अंबानी और ईशा मुकेश अंबानी) को कोई केंद्रीय सुरक्षा नहीं दी गई थी और इस तरह रिट याचिका उनके लिए निरर्थक थी।

भाषा

देवेंद्र अविनाश

अविनाश

 

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