सुल्तान पैलेस पर पटना उच्च न्यायालय के फैसले का धरोहर प्रेमियों ने किया स्वागत |

सुल्तान पैलेस पर पटना उच्च न्यायालय के फैसले का धरोहर प्रेमियों ने किया स्वागत

सुल्तान पैलेस पर पटना उच्च न्यायालय के फैसले का धरोहर प्रेमियों ने किया स्वागत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : September 26, 2022/12:52 pm IST

(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली/पटना, 26 सितंबर (भाषा) पटना उच्च न्यायालय के पांच सितारा होटल बनाने के लिए ऐतिहासिक सुल्तान पैलेस को ध्वस्त करने के बिहार सरकार के निर्णय पर रोक लगाने के निर्णय का धरोहर प्रेमियों ने स्वागत किया है।

अदालत ने 100 वर्ष पुरानी इस इमारत को ध्वस्त किए जाने पर रोक लगाते हुए इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है। पुनर्विकास परियोजना के तहत मई के मध्य से इसके कुछ हिस्से ध्वस्त किए गए हैं।

इतिहासकार, विद्वान, वकील, वास्तुकार, संरक्षणवादी और अन्य धरोहर प्रेमियों ने पटना उच्च न्यायालय के शुक्रवार को सुनवाई निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह ऐसे समय में उम्मीद की एक किरण, जब धरोहर को ध्वस्त करने का काम जारी है। वहीं कुछ का कहना है कि खतरा अब भी मंडरा रहा है।

‘विश्व पर्यटन दिवस’ से एक दिन पहले कुछ उन्होंने सुझाव दिया कि पैलेस को एक ‘‘भव्य होटल’’ का रूप देकर भी बचाया जा सकता है, जिससे पर्यटन पटना की ओर आकर्षित हो सकते हैं।

पटना के वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक प्रणव के. चौधरी ने कहा कि उनके लिए पटना के प्राचीन कलेक्ट्रेट को ध्वस्त होते देखना 1990 के उस दुखद समय को याद दिलाता है, जब डाक बंगला गिराया गया था।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ 30 वर्ष पहले उनका 19वीं सदी के डाक बंगले को गिराना काफी दुखद था और फिर कलेक्ट्रेट को ऐसे ध्वस्त होते देखना भी बेहद पीड़ादायक था…इसको लेकर किसी को समाज में कोई पछतावा भी नहीं है। पटना ने पिछले 10 वर्ष में कई ऐतिहासिक इमारते खोईं हैं और फिर अब सुल्तान पैलेस को गिराकर उसकी जगह पांच सितारा होटल बनाने का प्रस्ताव…हमें यह सब रोकना होगा।’’

दिल्ली के इतिहासकार एस. इरफान हबीब ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘ पटना के लोगों को बधाई और पटना उच्च न्यायालय का मामले में हस्तक्षेप करने और खूबसूरत इमारत बचाने के लिए शुक्रिया।’’

‘इएनटीएसीएच’ (पटना) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वह प्रार्थना कर रहे थे कि इस पर रोक लगाई जाए और ऐसा हुआ भी।

गौरतलब है कि आर-ब्लॉक क्षेत्र के पास ऐतिहासिक गार्डिनर रोड (अब बीर चंद पटेल रोड) पर स्थित सुल्तान पैलेस, 1922 में पटना के प्रसिद्ध बैरिस्टर सर सुल्तान अहमद द्वारा बनवाया गया था, जिन्होंने पटना उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में भी काम किया था। वह 1923 से 1930 तक पटना विश्वविद्यालय के पहले भारतीय कुलपति भी रहे थे।

भाषा

निहारिका माधव

माधव

 

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