शिमला, 10 फरवरी (भाषा) हिमाचल प्रदेश ने हरियाणा पुलिस के दो कर्मियों को एक ऐसे मामले में गिरफ्तार किया है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह कई ‘संपर्क’ वाला अपराध है। प्रदेश पुलिस प्रमुख संजय कुंडू ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी ।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि हरियाणा के सोनीपत जिले में तैनात रविंदर और यमुनानगर जिले के जगाधरी जेल में वार्डन के तौर पर तैनात जसवीर को साइबर अपराध के पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी के नेतृत्व वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गिरफ्तार किया।
कुंडू ने कहा कि उन्हें नौ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि दोनों ने कथित तौर पर विनय अग्रवाल नाम के एक व्यक्ति के साथ काला-अंब, बद्दी, नालागढ़ और अन्य क्षेत्रों में उद्योगपतियों से लगभग 1.49 करोड़ रुपये की उगाही की। इसमें कहा गया है कि अग्रवाल ने स्वयं को पुलिस महानिरीक्षक के रूप में पेश किया था ।
पुलिस ने कहा कि मामले में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है क्योंकि जबरन वसूली के पूरे मामले को उजागर करने के लिए जांच जारी है।
इसमें कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश के उद्योगपति, जो इस गिरोह के शिकार हैं, बिना किसी डर के पुलिस महानिदेशक और एसआईटी से संपर्क करने के लिए आगे आ सकते हैं, ताकि न्याय किया जा सके और कानूनी कार्रवाई से आर्थिक नुकसान की भरपाई की जा सके।
पिछले हफ्ते, एक 10 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था जिसमें पुलिस अधीक्षक-ईओडब्ल्यू गौरव सिंह, एसपी सीआईडी-अपराध वीरेंद्र कालिया, अतिरिक्त एसपी साइबर अपराध नरवीर सिंह राठौर, पुलिस उपाधीक्षक सीआईडी-अपराध मुकेश कुमार और अन्य शामिल थे।
इसके बाद छह जनवरी को अग्रवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 170 (एक लोक सेवक का रूप), 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 384, 386 (जबरन वसूली) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
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रंजन उमा
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