मांस उत्पादों के हलाल सत्यापन के लिए डीएनए जांच की मदद ले रही है हैदराबाद की प्रयोगशाला |

मांस उत्पादों के हलाल सत्यापन के लिए डीएनए जांच की मदद ले रही है हैदराबाद की प्रयोगशाला

मांस उत्पादों के हलाल सत्यापन के लिए डीएनए जांच की मदद ले रही है हैदराबाद की प्रयोगशाला

:   Modified Date:  January 31, 2023 / 10:30 AM IST, Published Date : January 31, 2023/10:30 am IST

हैदराबाद, 31 जनवरी (भाषा) मांस और मांस से बने उत्पादों के लिए हलाल सत्यापन का चलन बढ़ने के साथ ही अब निर्यातक हैदराबाद के राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र (एनआरसीएम) की सेवाएं ले रहे हैं ताकि डीएनए जांच के जरिए यह सत्यापित किया जाए कि उनके उत्पाद में सूअर का मांस नहीं मिला हुआ है।

हलाल सत्यापन में प्रक्रिया सत्यापन और उत्पाद सत्यापन शामिल हैं। प्रक्रिया सत्यापन आम तौर पर धार्मिक संगठन कराते हैं। हलाल सत्यापन यह गारंटी होती है कि यह उत्पाद इस्लामिक कानून के अनुसार तैयार किया गया है और मिलावटी नहीं है।

मलेशिया तथा इंडोनेशिया जैसे कुछ देशों को खाद्य (मांस, मछली का भोजन) या गैर खाद्य (कॉस्मेटिक्स) उत्पादों के निर्यात के लिए हलाल सत्यापन की आवश्यकता होती है।

एनआरसीएम के वैज्ञानिक विष्णुराज एम आर ने कहा कि उनकी प्रयोगशाला हलाल सत्यापन के लिए एनएबीएल से मान्यता प्राप्त है जिसका मतलब है कि प्रयोगशाला किसी भी उत्पाद में सूअर के मांस के मौजूद होने तथा गैर मौजूद होने का पता लगा सकती है तथा इसकी रिपोर्ट दुनियाभर में स्वीकार्य है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘निर्यातक अपने उत्पाद का हलाल के तौर पर प्रचार करने के लिए रिपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।’’

भाषा गोला मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)