मैं विपक्ष का असली नेता हूं, मुझे उपाध्यक्ष के बगल वाली सीट आवंटित की जाए: विधानसभा में बोले यतनाल

मैं विपक्ष का असली नेता हूं, मुझे उपाध्यक्ष के बगल वाली सीट आवंटित की जाए: विधानसभा में बोले यतनाल

मैं विपक्ष का असली नेता हूं, मुझे उपाध्यक्ष के बगल वाली सीट आवंटित की जाए: विधानसभा में बोले यतनाल
Modified Date: December 9, 2025 / 04:35 pm IST
Published Date: December 9, 2025 4:35 pm IST

बेलगावी (कर्नाटक), नौ दिसंबर (भाषा) भाजपा से निष्कासित वरिष्ठ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा में कहा कि वह ‘‘विपक्ष के असली नेता’’ हैं और विधानसभा अध्यक्ष को उन्हें उपाध्यक्ष के बगल वाली सीट आवंटित करनी चाहिए।

यतनाल ने अध्यक्ष से अनुरोध करते हुए कहा कि उन्हें और दो अन्य विधायकों (जो भाजपा से निष्कासित होने के बाद अब असंबद्ध सदस्य हैं) को उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए अग्रिम पंक्ति में बैठाने की व्यवस्था की जाए।

भाजपा ने यतनाल, एस टी सोमशेखर और ए शिवराम हेब्बार को इस वर्ष के शुरू में निष्कासित कर दिया था तथा इसके बाद सदन में उनके बैठने की व्यवस्था पिछली सीटों पर की गई थी।

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यतनाल ने कहा, ‘‘वरिष्ठ विधायकों को पीछे की सीट पर बैठाकर उनका अपमान किया गया है। पिछले सत्र में भी ऐसा किया गया था। हम पांच से छह बार चुने गए हैं, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि हमें आगे की पंक्ति में बैठाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।’’

उन्होंने अध्यक्ष से उनके बैठने की व्यवस्था पर पुनर्विचार करने की अपील करते हुए कहा कि कल तक इस संबंध में सकारात्मक निर्णय लिया जाना चाहिए।

इस पर हस्तक्षेप करते हुए अध्यक्ष यू टी खादर ने यतनाल से कहा कि राजनीति में कोई वरिष्ठ या कनिष्ठ नहीं होता। उन्होंने कहा, ‘‘जो सत्ता में है, वह वरिष्ठ है और जो सत्ता से बाहर है, वह कनिष्ठ है।’’

उन्होंने कहा कि सीट वरिष्ठता के आधार पर आवंटित नहीं की जातीं, जिनके पास बहुमत है उन्हें सदन में सत्ता पक्ष की सीट मिलेगी और जिनके पास संख्या बल कम है, उन्हें विपक्ष की सीट मिलेगी।

यह उल्लेख करते हुए कि भाजपा में रहने के दौरान यतनाल को आगे की सीट दी गई थी, अध्यक्ष ने पूछा कि अगर वह पार्टी से बाहर हो गए हैं, तो क्या किया जा सकता है?

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप (यतनाल) सत्तारूढ़ पार्टी या विपक्षी पार्टी का हिस्सा हैं, तो आपको संबंधित पक्षों में आगे की सीट मिलेगी।’’

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए यतनाल ने दावा किया कि वह विधानसभा में ‘‘विपक्ष के असली नेता’’ हैं। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष आर अशोक सदन में मौजूद थे।

यतनाल ने कहा, ‘‘मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं, जो किसी तरह का समायोजन करता हो। मैंने किसी के साथ कोई समझौता नहीं किया है। मैं मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं गया हूं, किसी मंत्री से कोई अनुरोध नहीं किया है। इसलिए मैं विपक्ष का असली नेता हूं और आप मुझे उपाध्यक्ष के बगल वाली सीट आवंटित कर सकते हैं (जो विधानसभा में विपक्ष के नेता के लिए आवंटित सीट है)।’’

यतनाल भाजपा में रहते हुए और पार्टी से निकाले जाने के बाद भी राज्य में भाजपा नेतृत्व पर सत्तारूढ़ कांग्रेस नेताओं के साथ ‘‘समायोजन की राजनीति’’ में लिप्त होने का आरोप लगाते रहे हैं।

भाषा

नेत्रपाल दिलीप

दिलीप


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