अगर ‘सलाम’ कहना गैरकानूनी है तो मैं नहीं कहूंगा : खालिद सैफी ने अदालत में कहा |

अगर ‘सलाम’ कहना गैरकानूनी है तो मैं नहीं कहूंगा : खालिद सैफी ने अदालत में कहा

अगर ‘सलाम’ कहना गैरकानूनी है तो मैं नहीं कहूंगा : खालिद सैफी ने अदालत में कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : September 10, 2021/1:33 pm IST

नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) ‘‘अस-सलाम अलैकुम’’ अभिवादन पर दिल्ली पुलिस की टिप्पणियों की ओर इशारा करते हुए दिल्ली दंगों की साजिश मामले के आरोपी और कार्यकर्ता खालिद सैफी ने शुक्रवार को कहा कि अगर यह गैरकानूनी है तो वह यह कहना बंद कर देंगे।

सैफी की ये टिप्पणियां तब आयी है जब कुछ दिन पहले पुलिस ने कहा था कि मामले में आरोपी जेएनयू छात्र शरजील इमाम ने अपने कथित उकसावे वाले भाषणों में से एक की शुरुआत ‘‘अस-सलाम अलैकुम’’ के साथ की थी जो दिखाता है कि यह एक खास समुदाय को संबोधित की गयी न कि व्यापक जनता को।

सैफी ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत से पूछा, ‘‘मैं हमेशा अपने दोस्तों का सलाम के साथ अभिवादन करता हूं। मुझे लगता है कि अगर यह गैरकानूनी है तो मैं इसे कहना बंद कर दूंगा। यह कोई कानून है या अभियोजन पक्ष की धारणा है?’’

उनके इस सवाल पर न्यायाधीश रावत ने स्पष्ट किया कि यह अभियोजन पक्ष की दलील है न कि अदालत का बयान है। अदालत में सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई।

विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने अलीगढ़ में 16 जनवरी 2020 को शरजील इमाम द्वारा दिए गए भाषण को एक सितंबर को पढ़ा था और कहा था, ‘‘उसने (शरजील इमाम) अपने भाषण की शुरुआत अस-सलाम अलैकुम कहते हुए की जो दिखाता है कि यह केवल एक समुदाय को संबोधित करते हुए कहा गया।’’

सैफी ने कहा कि जब भी उन्हें जमानत मिलेगी तो वह षडयंत्र मामले में आरोपपत्र पर 20 लाख कीमती कागजों की बर्बादी के लिए पुलिस के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में एक मामला दायर करेंगे।

गौरतलब है कि आतंकवाद रोधी कानून के तहत सैफी के साथ कई अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर फरवरी 2020 में हुई हिंसा का ‘‘मास्टरमाइंड’’ होने का आरोप है। इस हिंसा में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे।

भाषा गोला अनूप

अनूप

 

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