IAS officer of this state arrested in the case of possessing assets

आय से अधिक संपत्ति रखने के मामलें में इस राज्य के आईएएस अधिकारी गिरफ्तार, प्रदेश में अपर सचिव पद पर थे तैनात

IAS officer of this state arrested in the case of possessing assets disproportionate to the income, was posted as Additional : आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी आईएएस अधिकारी...

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : June 23, 2022/1:57 pm IST

देहरादून: उत्तराखंड में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी आईएएस अधिकारी राम विलास यादव को बृहस्पतिवार को सतर्कता विभाग ने गिरफ्तार कर लिया। यादव को बुधवार को उत्तराखंड सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। वह प्रदेश में अपर सचिव पद पर तैनात थे। अपर पुलिस महानिदेशक (सतर्कता) अमित सिन्हा ने बताया कि भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिलने और लंबी पूछताछ के दौरान संतोषजनक जवाब न हासिल होने के बाद यादव को बुधवार देर रात करीब सवा दो बजे गिरफ्तार कर लिया गया।

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सिन्हा के मुताबिक, मई में दर्ज मामले की प्राथमिक जांच के दौरान यादव के पास आय से 522 फीसदी अधिक संपत्ति होने की जानकारी मिली थी। उन्होंने कहा, “जांच में हमें भ्रष्टाचार में यादव की संलिप्तता को लेकर कई ऐसे दस्तावेज और साक्ष्य मिले थे, जिनके आधार पर हमने उनके घर पर दबिश दी थी और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था।”

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सिन्हा के अनुसार, पूछताछ में यादव सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि आरोपी अधिकारी उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दिलकश विहार स्थित विद्यालय, नोएडा में क्रय भूमि की रजिस्ट्री, गाजीपुर जिले में 10 बीघा जमीन, सावधि जमा और अन्य खातों में जमा धनराशि, पारिवारिक सदस्यों के बैंक खातों में जमा धनराशि एवं पारिवारिक खर्चों के बारे में न तो कोई संतोषजनक जवाब दे पाए और न ही कोई अभिलेख प्रस्तुत कर सके।

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सिन्हा के मुताबिक, अब तक जांच में उपलब्ध अभिलेखों और यादव से पूछताछ के आधार पर उनकी कुल वार्षिक आय 50 लाख 48 हजार 204 रुपये तथा व्यय तीन करोड 12 लाख 37 हजार 756 रुपये होना पाया गया है, जो अनुपात में नहीं है। उन्होंने बताया कि आरोपी अधिकारी आय और व्यय की इस रकम में अंतर का कारण स्पष्ट नहीं कर पाए।

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इससे पहले, सतर्कता विभाग द्वारा यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में चल रही जांच में उनके सहयोग न करने तथा आरोपों की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए यादव ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। हालांकि, अदालत ने यादव को कोई राहत न देते हुए उन्हें सतर्कता विभाग के समक्ष बयान दर्ज कराने का आदेश दिया था। इसी क्रम में वह बुधवार को सतर्कता विभाग के समक्ष पूछताछ के लिए पेश हुए थे।