Nishikant Dubey Big Statement About Parliament House

Nishikant Dubey Statement: ‘.. तो संसद को बंद कर देना चाहिए’, भाजपा सांसद का बड़ा बयान, बोले- धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार

Nishikant Dubey Statement: निशिकांत दुबे ने कहा कि, क़ानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिये।

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Modified Date: April 19, 2025 / 08:22 PM IST
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Published Date: April 19, 2025 10:54 am IST
HIGHLIGHTS
  • वक़्फ कानून को लेकर पूरे देश में एक अलग माहौल देखने को मिल रहा है।
  • कई लोग इस कानून का समर्थन कर रहे हैं, तो कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
  • भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का एक बड़ा बयान सामने आया है।

नई दिल्ली: Nishikant Dubey Statement: वक़्फ कानून को लेकर पूरे देश में एक अलग माहौल देखने को मिल रहा है। कई लोग इस कानून का समर्थन कर रहे हैं, तो कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का एक बड़ा बयान सामने आया है। सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, क़ानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिये। सांसद निशिकांत दुबे के इस पोस्ट के सामने आते ही सियासत गरमा गई है। हर कोई उनकी इस पोस्ट का अलग-अलग मतलब निकाल रहे हैं।

 

वहीं निशिकांत दुबे ने समाचार एजेंसी ANI के साथ बातचीत के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है और उन्होंने पुराने फैसलों का उदाहरण देते हुए कहा कि देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। निशिकांत दुबे ने कहा, “एक आर्टिकल 377 था, जिसमें कहा गया था कि होमोसेक्सुअलिटी एक बड़ा अपराध है। अभी ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ने साफ कह दिया कि केवल दो ही जेंडर है, या तो मेल या तो फीमेल। कोई भी कम्युनिटी हो, हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, क्रिश्चियन हो, जैन हो, सभी मानते हैं कि होमोसेक्सुअलिटी एक अपराध है। सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत बोल दिया कि नहीं हम यह आर्टिकल अबॉलिश करते हैं। हमने आईटी एक्ट बनाया। शिकार सबसे अधिक कौन हैं? महिलाएं हैं, उनके पॉर्न आते हैं, बच्चों के पॉर्न आते हैं लेकिन अचानक सुप्रीम कोर्ट खड़ा होता है और कहता है हम 66A खत्म करते हैं, IT एक्ट खत्म करते हैं।”

देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार- निशिकांत दुबे

निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा, “इस देश में सनातन की परंपरा है। जब रामजन्मभूमि का मामला आया तो सुप्रीम कोर्ट कहता है कागज दिखाओ। श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला आया तो कहता है कागज दिखाओ। ज्ञानवापी की बात आएगी तो कहता है कागज दिखाओ। वहीं मुगलों के आने के बाद जो मस्जिदें बनीं हैं, उसको लेकर कहता है कि आप कागज कहां से दिखाओगे? इस देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए केवल और केवल सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की सीमा यह है कि भारत का संविधान जिस कानून को बनाए, उसे उसकी व्याख्या करनी चाहिए। अगर सभी बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है तो संसद और विधानसभा का कोई मतलब नहीं है, इसे बंद कर देना चाहिए।”