आईआईटी जोधपुर की थार रेगिस्तान के संरक्षण की पहल

आईआईटी जोधपुर की थार रेगिस्तान के संरक्षण की पहल

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  • Publish Date - September 7, 2021 / 06:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:16 PM IST

नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर ने चिकित्सा, इंजीनियरिंग, पर्यावरण और जीवन विज्ञान के बहु-अनुशासन ढांचे के माध्यम से थार रेगिस्तान, इसके खनिज संसाधनों, औषधियों, वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है।

‘जोधपुर सिटी नॉलेज एंड इनोवेशन क्लस्टर’ के तत्वावधान में डेजर्ट इकोसिस्टम साइंसेज गाइडेड बाय नेचर एंड सेलेक्शन (डिजाइन्स) नामक पहल शुरू की गई है। अधिकारियों के अनुसार, थार एक गर्म रेगिस्तान है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के लिए अनूठा है और इसकी विशेषता उच्च अधिकतम तापमान है। इसके साथ यह कम वर्षा, अत्यधिक शुष्कता, तीव्र अल्ट्रा वॉयलेट विकिरण और विविधताओं से भरा क्षेत्र है।

यह अनूठा ‘डिजाइन्स’ विकसित करने के लिए सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रयोगशालाओं में से एक रहा है जो इसकी घटक प्रजातियों के अनुकूलन और अस्तित्व, एक-दूसरे पर निर्भरता तथा पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण को सुनिश्चित करता है।

इस पहल के तहत, शोधकर्ता सांस्कृतिक संदर्भ और पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान को ध्यान में रखते हुए स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र से क्षेत्रीय स्तर तक सक्षम उपकरणों और बिग डेटा एनालिटिक्स फ्रेमवर्क का उपयोग करेंगे।

आईआईटी जोधपुर के बायोसाइंस और बायोइंजीनियरिंग विभाग की प्रमुख प्रोफेसर मिताली मुखर्जी ने कहा कि इस ज्ञान सृजन के परिणामस्वरूप ‘डेजर्ट इकोसिस्टम नॉलेज ग्रिड’ तैयार होगा जो इंजीनियरिंग, अनुसंधान, विकास, व्यवसायीकरण के चक्र को बढ़ावा दे सकता है।

मुखर्जी ने कहा कि यह ‘डेटा ग्रिड’ रेगिस्तानी क्षेत्रों के लिए सामान्य और स्थानिक रोगों से निपटने, जैव-प्रेरित इंजीनियरिंग डिजाइनों के प्रबंधन के लिए समाधान खोजने में सहायक होगा। यह पारिस्थितिक संरक्षण और संवर्द्धन के लिए अनूठी रणनीति विकसित करने में भी मदद कर सकता है।

भाषा आशीष नरेश

नरेश