आईआईटी खड़गपुर ने स्कूल में साझा परिवहन के गुणात्मक पहलुओं की पहचान की

आईआईटी खड़गपुर ने स्कूल में साझा परिवहन के गुणात्मक पहलुओं की पहचान की

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  • Publish Date - May 14, 2022 / 06:46 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:16 PM IST

कोलकाता, 14 मई (भाषा) स्कूलों के लिए साझा परिवहन के महत्व और कोलकाता शहर के यातायात में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर ने स्कूल बसों के जरिए सुरक्षा, समय की पाबंदी, प्रदूषण से बचाव जैसे गुणात्मक पहलुओं की पहचान की है।

आईआईटी खड़गपुर में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर भार्गब मोइत्रा ने शनिवार को कहा कि आईआईटी अनुसंधान ने शहर की संकरी सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए साझा तरीकों की आवश्यकता और उपयोग पर प्रकाश डाला है।

यह अध्ययन ऐसे समय किया गया है जब कारों की बढ़ती संख्या के साथ यह बच्चों के लिए परिवहन का पसंदीदा साधन बन गया है। अध्ययन लगभग पांच साल पहले शुरू हुआ था जिसमें उन पहलुओं की पहचान की गई थी जो स्कूलों में परिवहन के तरीके की पसंद, स्कूल अधिकारियों के विचारों और वाहन संचालकों के दृष्टिकोण को प्रभावित करते है।

मोइत्रा ने कहा कि अभिभावकों की धारणाओं को समझने के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें दोनों वर्गों की जरूरतों को ध्यान में रखा गया- जिनके पास कार है और जिनके पास कार नहीं है।

मोइत्रा ने बताया कि कोलकाता में लगभग 12,000 अभिभावकों से सर्वेक्षण के लिए संपर्क किया गया और उनमें से 7000 से अधिक ने जवाब दिया। अध्ययन के तहत स्कूलों के लिए यात्राओं में शामिल सभी हितधारकों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई।

एसओपी के अनुसार पुलिस, स्कूल प्रबंधन और सुरक्षा अधिकारियों को स्कूल परिवहन में शामिल सभी चालकों और कंडक्टरों के पुलिस रिकॉर्ड रखने चाहिए। एसओपी में कहा गया है कि प्रत्येक चालक को स्कूलों में काम करने से पहले ड्राइविंग का कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए, स्कूल परिवहन में शामिल सभी वाहनों का रिकॉर्ड और स्कूल वाहनों के लिए गति सीमा लागू करनी चाहिए।

भाषा आशीष देवेंद्र

देवेंद्र