आईआईटी रूड़की ने स्तन कैंसर को पहचानने वाली लार की प्रोटीन का पता लगाया |

आईआईटी रूड़की ने स्तन कैंसर को पहचानने वाली लार की प्रोटीन का पता लगाया

आईआईटी रूड़की ने स्तन कैंसर को पहचानने वाली लार की प्रोटीन का पता लगाया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : September 30, 2022/5:38 pm IST

देहरादून, 30 सितंबर (भाषा) आईआईटी रूड़की के शोधकर्ताओं ने लार में पाई जाने वाली तीन प्रोटीनों का पता लगाया है जो स्तन कैंसर के सबसे खतरनाक स्वरूप ‘मैटास्टेटिक ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर’ (टीएनबीसी) का पूर्वानुमान लगा सकती है ।

आईआईटी रूडकी से जारी एक बयान में कहा गया है कि शोधकर्ताओं ने एक ऐसी प्रक्रिया विकसित की है जो लार में टीएनबीसी के लिए बायोमार्कर को पहचान सकता है ।

टीम की रोग पहचान का तरीका लार ग्रंथियों की कार्यक्षमता पर आधारित है जो स्तन कैंसर से पीडि़त रोगियों में बिगड़ी हुई होती है। इनकी प्रोटीन संरचना भी ठीक नहीं होती है ।

शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर इस फर्क को पहचान लिया जाए और उसकी मात्रा का पता लगा लिया जाए तो यह एक प्रभावी बायोमार्कर हो सकता है ।

भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है और हर साल इस रोग के 1.6 लाख से ज्यादा मामले सामने आते हैं और आठ हजार से ज्यादा महिलाओं की मृत्यु हो जाती है ।

सभी प्रकार के स्तन कैंसरों में से करीब 10 से 15 प्रतिशत मेटास्टेटिक टीएनबीसी होते हैं, जो सबसे ज्यादा खतरनाक स्वरूप है और सामान्य तौर पर हार्मोनल और एचईआर दो प्रोटीन टार्गेटिंग दवाइयों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करता ।

शोध टीम का नेतृत्व करने वाली बायोसाइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग की एसोसियेट प्रोफेसर किरन अंबातीपुडी ने कहा, ‘भारत में स्तन कैंसर से पीडित महिलाओं की मृत्यु दर का प्रमुख कारण रोग की पहचान में देरी है । इससे ऐसी तकनीक के विकास की आवश्यकता बढ जाती है जिसमें शरीर को वेधना न पडे और वह कैंसर को उसकी शुरूआती अवस्था में ही पहचान भी लें ।’

भाषा दीप्ति दीप्ति रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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