छात्र संघ के पूर्व सदस्य, निलंबित छात्र या पूर्व छात्रों से वार्ता नहीं करेगा इविवि |

छात्र संघ के पूर्व सदस्य, निलंबित छात्र या पूर्व छात्रों से वार्ता नहीं करेगा इविवि

छात्र संघ के पूर्व सदस्य, निलंबित छात्र या पूर्व छात्रों से वार्ता नहीं करेगा इविवि

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : September 29, 2022/7:26 pm IST

प्रयागराज, 29 सितंबर (भाषा) इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के खिलाफ चल रहे छात्र आंदोलन के फिलहाल खत्म होने के आसार नहीं हैं क्योंकि विश्वविद्यालय की उच्च स्तरीय समिति फीस वृद्धि के मामले में छात्र संघ के पूर्व सदस्य, निलंबित छात्र या पूर्व छात्रों से वार्ता करने के मूड में नहीं है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, बुधवार को कुलपति द्वारा कुलसचिव, डी एस डब्लू, प्रॉक्टर एवं वरिष्ठ शिक्षकों और जिला प्रशासन के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर छात्रों को वार्ता के लिए बृहस्पतिवार को नार्थ हॉल में आमंत्रित किया था।

लेकिन, छात्रों ने वार्ता के लिए जो नाम प्रस्तुत किये उसमे छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह सहित ऐसे नाम प्रस्तुत किये गए जो वर्तमान में विश्वविद्यालय के छात्र नहीं हैं या सीएमपी डिग्री कॉलेज के छात्र हैं या विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं।

समिति ने ये निर्णय किया है कि छात्र संघ के पूर्व सदस्य, निलंबित छात्र, अन्य महाविद्यालयों के छात्र या पूर्व छात्रों से वार्ता नहीं की जाएगी।

छात्र संघ संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले छात्र आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अखिलेश यादव का हालांकि कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन से वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी छात्र यूनियन के सदस्य बैठक के लिए गए, जहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोग अराजकता करने लगे और दरवाजा पीटने लगे।

उन्होंने कहा कि इस घटना का छात्र संघ संयुक्त संघर्ष समिति से कोई लेना देना नहीं है बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ इस प्रकार की जो भी घटना हुई है हम इसकी घोर निंदा करते हैं और हमारा आंदोलन गांधीवादी तरीके से चल रहा है और आगे चलता रहेगा।

यादव ने कहा कि यह कृत्य इस आंदोलन को खत्म करने की एक साजिश है जिसका हम कतई समर्थन नहीं करते हैं।

विश्वविद्यालय प्रशासन का आरोप है कि बृहस्पतिवार को करीब 100 छात्रों की भारी भीड़ ने सीनेट बिल्डिंग और और सीनेट हॉल का गेट तोड़ने का प्रयास किया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए और प्रशासन के सुझाव पर मीटिंग स्थगित कर दी गयी।

इन छात्रों ने प्रॉक्टोरियल समिति के सदस्यों से अभद्र व्यवहार किया और वहां के कुछ गमले भी तोड़े और विश्वविद्यालय के गॉर्डों के साथ बदतमीजी की।

सीनेट हॉल और पूरे परिसर में बेहद अफरा तफरी का एवं अराजकता का माहौल बना रहा और कैंपस में मौजूद शिक्षकों और छात्रों में अप्रिय अथवा हिंसक घटना की आशंका बनी रही।

इस घटना के बाद चीफ प्रॉक्टर और अन्य प्रोक्टोरिअल बोर्ड सदस्यों का डी एस डब्लू कार्यालय पर काफी देर घेराव किया गया और उनके साथ गाली गलौज करते हुए उनको मारने की धमकी दी गई।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र पिछले 23 दिनों से फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और पिछले नौ दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं।

उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर की शिक्षा की फीस प्रति छात्र 975 रुपये प्रतिवर्ष थी जिसे हाल ही में 300 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर 4,151 रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है।

भाषा राजेंद्र राजेंद्र रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)