New Education Policy: सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने नए शिक्षा नीति पर उठाये सवाल.. पूछा, “87 फ़ीसदी अनट्रेंड शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए क्या है सरकार का रोडमैप?’
इमरान प्रतापगढ़ी ने सरकार से इन सभी मुद्दों पर स्पष्ट जवाब देने की मांग की और कहा कि शिक्षा नीति का उद्देश्य सभी वर्गों को समान अवसर देना होना चाहिए, न कि किसी विशेष विचारधारा को थोपना।
Important points of New Education Policy || IMAGE- ibc24 News File
- नई शिक्षा नीति पर विपक्ष का हमला: शिक्षकों की ट्रेनिंग और संसाधनों की कमी पर सवाल
- डिजिटल शिक्षा की हकीकत: जब 80 करोड़ लोग राशन पर निर्भर, इंटरनेट कैसे पहुंचेगा?
- एनसीईआरटी किताबों में बदलाव पर विवाद, विपक्ष ने शिक्षा में विचारधारा थोपने का आरोप लगाया
Important points of New Education Policy : नई दिल्ली: संसद के जारी सत्र में मंगलवार को विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर शिक्षा के निजीकरण, शिक्षण संस्थानों में एक विचारधारा विशेष के लोगों को नियुक्त करने, एनसीईआरटी की किताबों में सांप्रदायिकता परोसने और विरोधी विचारधारा वाली राज्य सरकारों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। विपक्ष ने दावा किया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के लिए आवंटित केंद्रीय हिस्से को रोककर उन्हें कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
Imran Pratapgarhi on New Education Policy
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति (NEP) पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सरकार से कई मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा कि वह इस नीति के प्रभाव और उसमें निहित खामियों पर चर्चा करना चाहते हैं।
शिक्षकों की ट्रेनिंग पर बड़ा सवाल
Important points of New Education Policy : सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, “नई शिक्षा नीति कहती है कि हमारा जोर शिक्षकों की ट्रेनिंग पर होना चाहिए, लेकिन ‘नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस’ के आंकड़ों के अनुसार, देश में केवल 13% शिक्षक ही प्रशिक्षित हैं।”
उन्होंने सरकार से सवाल किया:
- जो 87% शिक्षक अभी तक प्रशिक्षित नहीं हैं, उनके लिए ट्रेनिंग का रोडमैप क्या होगा?
- क्या सरकार के पास इतने बड़े पैमाने पर संसाधन उपलब्ध हैं, जिससे इन शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा सके?
तकनीक आधारित शिक्षा और संसाधनों की कमी
नई शिक्षा नीति में डिजिटल शिक्षा और टेक्नोलॉजी पर जोर दिया गया है। इस पर सवाल उठाते हुए सांसद ने कहा, “जब देश में 80 करोड़ लोग 5 किलो राशन पर निर्भर हैं, तो उन परिवारों तक इंटरनेट या कंप्यूटर जैसी सुविधाएं पहुंचाने के लिए सरकार के पास क्या रोडमैप है?”
अल्पसंख्यक संस्थानों और स्कॉलरशिप पर प्रभाव
सांसद ने सरकार द्वारा अल्पसंख्यक संस्थानों में दी जाने वाली मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप को अचानक बंद करने को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस फैसले से कई छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा, जो इस स्कॉलरशिप पर निर्भर थे।
एनसीईआरटी की किताबों में बदलाव पर आपत्ति
उन्होंने एनसीईआरटी की किताबों में किए गए बदलावों पर भी चिंता जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि “आप हिंदू-मुस्लिम एकता के चैप्टर हटाकर बच्चों को एक नया इतिहास पढ़ाने के नाम पर गुमराह कर रहे हैं।”
इमरान प्रतापगढ़ी ने सरकार से इन सभी मुद्दों पर स्पष्ट जवाब देने की मांग की और कहा कि शिक्षा नीति का उद्देश्य सभी वर्गों को समान अवसर देना होना चाहिए, न कि किसी विशेष विचारधारा को थोपना।

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