दिल्ली में जनवरी से मार्च तक कोविड के चलते जान गंवाने वालों के नमूनों में 97 प्रतिशत में ओमीक्रोन स्वरूप पाये गये

दिल्ली में जनवरी से मार्च तक कोविड के चलते जान गंवाने वालों के नमूनों में 97 प्रतिशत में ओमीक्रोन स्वरूप पाये गये

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  • Publish Date - April 20, 2022 / 05:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:46 PM IST

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) दिल्ली में जनवरी से मार्च तक कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों से लिये गये 97 प्रतिशत नमूनों में कोरोना वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप पाया गया है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

मृतकों से लिये गये 578 नमूनों में 560 में ओमीक्रोन के स्वरूप का पता चला।

शेष 18 (तीन प्रतिशत) में कोविड के डेल्टा सहित अन्य स्वरूप पाये गये, जो पिछले साल अप्रैल और मई में संक्रमण की दूसरी लहर का तेजी से प्रसार करने के लिए जिम्मेदार रहे थे।

ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमण की तीसरी लहर में कम संख्या में कोविड के मरीज अस्पतालों में भर्ती हुए और सरकारी आंकड़ों से प्रदर्शित होता है कि ज्यादातर मौतों के लिए वायरस प्राथमिक कारण नहीं था।

दिल्ली में 17 जनवरी को अस्पतालों में कोविड मरीजों के 15,505 बिस्तरों में अधिकतम 2,784 (17.96 प्रतिशत) ही भरे हुए थे। वहीं, महामारी की दूसरी लहर के दौरान छह मई को 21,839 बिस्तरों में 20,117 (92 प्रतिशत) भरे हुए थे।

दिल्ली में एक बार फिर संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि होती दिख रही है। विशेषज्ञों ने इसके लिए मास्क पहनना अनिवार्य नहीं रहना सहित कोविड रोधी व्यवहार का अनुपालन नहीं करने को जिम्मेदार ठहराया है।

इस बीच, दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना बुधवार को अनिवार्य कर दिया और इसका उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपया जुर्माना लगाने की घोषणा की।

राष्ट्रीय राजधानी में सभी संक्रमित लोगों के नमूनों का जीनोम अनुक्रमण शुरू किया गया है ताकि शहर में कोविड के एक्सई जैसे नये स्वरूप के प्रसार का पता लगाया जा सके।

भाषा सुभाष उमा

उमा