बागडोगरा (पश्चिम बंगाल), 26 दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को राज्य स्तरीय विश्वविद्यायलों के कुलाधिपति की उपाधि वाले पदों से हटाने का सुझाव दिए जाने के कुछ दिन बाद धनखड़ ने रविवार को राज्य सरकार को फटकार लगायी।
राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्या बसु ने शुक्रवार को ट्वीट किया था कि इस पर आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है कि क्या राज्य को राज्यपाल से संबंधित उस औपनिवेशिक विरासत को जारी रखने की आवश्यकता है या नहीं? जिसमें वे राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के पदेन कुलाधिपति हैं और इसके बजाय प्रतिष्ठित विद्वानों को इस पद पर नियुक्त किया जाना चाहिए। बाद में बसु ने संवाददाताओं से बातचीत में सुझाव दिया था कि मुख्यमंत्री को अंतरिम कुलाधिपाति बनाया जाना चाहिए।
उत्तरी बंगाल के सप्ताह भर लंबे दौरे के लिए बागडोगरा में हवाई अड्डे पर पहुंचे धनखड़ ने कहा, ” मैं आश्चर्यचकित था कि शिक्षा मंत्री ने मुझसे बात करने के बजाय कहा कि मुख्यमंत्री को कुलाधिपति बनाया जाएगा।”
बसु के रुख को अनुपयुक्त करार देते हुए राज्यपाल ने कहा, ” आप मुख्यमंत्री को कुलाधिपति बनाने के साथ ही उन्हें राज्यपाल भी बना दें।”
गौरतलब है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने 18 दिसंबर को राज्य के निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपतियों और कुलपतियों को 20 दिसंबर को होने वाली एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था। बाद में उसकी तारीख बदल दी गई और बृहस्पतिवार का दिन निर्धारित किया गया था क्योंकि निजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कोविड-19 के हालात के तहत इस बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई थी। बाद में यह बैठक भी नहीं हो सकी।
भाषा शफीक नरेश
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