नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र से पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद, उनके छद्म समूहों और समर्थकों के खिलाफ संपत्ति कुर्क करने और हथियार प्रतिबंध जैसे अतिरिक्त दंडात्मक उपायों की मांग की है।
दोनों पक्षों ने आईएसआईएस और अलकायदा से जुड़े संगठनों पर और अधिक प्रतिबंध घोषित करने की भी मांग की। इन समूहों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया था और वे पहले से ही वैश्विक निकाय की प्रतिबंध व्यवस्था के तहत विभिन्न दंडात्मक कार्रवाइयों का सामना कर रहे हैं।
भारत और अमेरिका ने अपने आतंकवाद-रोधी संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठक के साथ-साथ तीन दिसंबर को नयी दिल्ली में आयोजित ‘डेजिगनेशंस डायलॉग’ के दौरान आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
वार्ता में, भारतीय पक्ष ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) की सूची में डालने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग को धन्यवाद दिया।
टीआरएफ ने पहलगाम आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी।
शनिवार को जारी संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सतत और व्यापक तरीके से ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।
बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र, क्वाड और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) सहित आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
भाषा शफीक धीरज
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