भारत-बांग्लादेश के बीच संबंध किसी और रणनीतिक साझेदारी से अधिक गहरे: श्रृंगला |

भारत-बांग्लादेश के बीच संबंध किसी और रणनीतिक साझेदारी से अधिक गहरे: श्रृंगला

भारत-बांग्लादेश के बीच संबंध किसी और रणनीतिक साझेदारी से अधिक गहरे: श्रृंगला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : October 23, 2021/4:36 pm IST

बेंगलुरु, 23 अक्टूबर (भाषा) विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश की आर्थिक प्रगति और समृद्धि के लिए भारत हमेशा एक साझेदार के तौर पर प्रतिबद्ध रहेगा और दोनों देशों के बीच संबंध किसी और रणनीतिक साझेदारी से अधिक गहरे हैं। श्रृंगला ने कहा, “भारत-बांग्लादेश के बीच इतने सालों में संबंध परिपक्व हुए हैं, भारतीय कूटनीति के दो स्तंभ- ‘पड़ोसी प्रथम’ और ‘पूर्व में काम करें’- बांग्लादेश से हमारे संबंधों में दिखाई देते हैं।”

यहां आयोजित भारतीय वायु सेना सम्मेलन में वीडियो सम्बोधन में उन्होंने कहा कि 50 साल पहले बांग्लादेश की स्वतंत्रता के दौरान जिन मूल्यों पर हम चले थे, आज भारत-बांग्लादेश के बीच संबंध उसी क्रम में आगे बढ़ रहे हैं।

श्रृंगला ने कहा, “मुक्तिजोद्धा (बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के सेनानी) आज भी दोनों देशों के बीच पुल का काम कर रहे हैं। दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच नियमित बातचीत हमारी साझा सुरक्षा चिंताओं को परिलक्षित करती है। भारत बांग्लादेश की आर्थिक प्रगति और समृद्धि तथा उनके सामाजिक चरित्र में एक साझेदार के रूप में प्रतिबद्ध है।”

विदेश सचिव यहां येलाहंका वायु सेना स्टेशन में आयोजित भारतीय वायु सेना सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। यह सम्मेलन में 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में मिली जीत के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है। बांग्लादेश का जन्म इस युद्ध में प्राप्त हुई विजय के बाद हुआ था। इस साल को ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है।

श्रृंगला ने कहा कि बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा विकास और व्यावसायिक साझेदार है। उन्होंने कहा कि समग्र रूप में संपर्क रखना इस साझेदारी में सबसे अहम है। उन्होंने कहा, “आज भारत-बांग्लादेश संबंध किसी और रणनीतिक साझेदारी से अधिक गहरे हैं। यह दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों का एक रोल मॉडल है। बांग्लादेश की मुक्ति के दौरान जो दोस्ती, समझ और आपसी सम्मान बना था, वह आज भी इस रिश्ते के विभिन्न पक्षों में दिखाई देता है।”

बांग्लादेश की मुक्ति के दौरान घटित हुए मानवीय, राजनीतिक और कूटनीतिक घटनाक्रमों पर श्रृंगला ने कहा कि बलिदान और साहस के साझा इतिहास से आज भारत-बांग्लादेश के बीच नजदीकी और बहुपक्षीय साझेदारी विकसित हुई है।

भाषा यश नरेश

नरेश

 

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