अगर लोग अपने संविधान को नहीं समझेंगे तो भारत समृद्ध नहीं हो सकता : कर्नाटक के मंत्री महादेवप्पा

अगर लोग अपने संविधान को नहीं समझेंगे तो भारत समृद्ध नहीं हो सकता : कर्नाटक के मंत्री महादेवप्पा

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  • Publish Date - February 23, 2024 / 03:16 PM IST,
    Updated On - February 23, 2024 / 03:16 PM IST

बेंगलुरू, 23 फरवरी (भाषा) कर्नाटक के समाज कल्याण मंत्री एच सी महादेवप्पा ने कहा है कि अगर लोग अपने संविधान को ठीक से नहीं समझेंगे तो समृद्ध भारत का निर्माण नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने शनिवार को आयोजित होने वाले संविधान एवं राष्ट्रीय एकता सम्मेलन के संबंध में पीटीआई-भाषा से बातचीत की। कर्नाटक सरकार एक महीने तक चलने वाले राज्यव्यापी संविधान जागरूकता अभियान के अंत में इस सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इस अभियान में लगभग सभी गांवों को शामिल किया गया।

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया यहां पैलेस ग्राउंड में इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।

कर्नाटक सरकार ने देश का संविधान अंगीकार किए जाने के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में नागरिकों को उनके अधिकारों, जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के लिए 26 जनवरी को संविधान जागरूकता अभियान शुरू किया था।

महादेवप्पा ने कहा कि अगर लोगों को आर्थिक और सामाजिक आजादी नहीं मिलती है तो आजादी का कोई मतलब नहीं है।

उन्होंने बताया कि आजादी के 75 साल बाद भी संविधान के उद्देश्य हासिल नहीं हो सके हैं, इसलिए हर जगह आर्थिक और सामाजिक असमानता दिखाई देती है।

उन्होंने कहा, “अगर हम संविधान को नहीं समझेंगे, तो हम समृद्ध भारत का निर्माण कैसे कर सकेंगे? संविधान केवल अनुसूचित जाति (एससी) / अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण तक ही सीमित नहीं है। यह हाशिए पर मौजूद समुदायों के उत्थान के लिए दिया गया एक अवसर मात्र है।”

महादेवप्पा ने कहा कि एक महीने तक चले इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को देश में लोकतंत्र की मजबूती के लिए की गई पहल के बारे में शिक्षित करना था।

देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, ‘संवेदनशील मामलों और आस्था से जुड़े मुद्दों को राजनीति में प्रमुखता मिल रही है। लोगों की समस्याएं दरकिनार हो गई हैं तथा भगवान और धर्म विमर्श के केंद्र में आ रहे हैं।’

उन्होंने जोर दिया कि कि यह पहल अराजनीतिक, धर्मनिरपेक्ष और जातिरहित है तथा ‘संविधान के बारे में जागरूकता फैलाकर उसे बचाने के लिए’ इसका आयोजन किया गया है।

मंत्री ने कहा, ‘अगर हम अपना संविधान बचाएंगे तो यह हमें भी बचाएगा।’

उन्होंने कहा कि आस्था से जुड़े मामले बेहद निजी होते हैं, लेकिन आज धर्म को प्रमुखता मिल रही है क्योंकि राजनीतिक दल संविधान की भावना के खिलाफ काम करते हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर राजनीतिक दल इस तरह का व्यवहार करेंगे तो संविधान की रक्षा कौन करेगा?’

इस अभियान में करीब 5,400 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने इसमें भाग लिया।

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा