भारत बंद : ओडिशा में बाजार बंद, सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद |

भारत बंद : ओडिशा में बाजार बंद, सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद

भारत बंद : ओडिशा में बाजार बंद, सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : September 27, 2021/1:38 pm IST

भुवनेश्वर, 27 सितंबर (भाषा) ओडिशा में सोमवार को भारत बंद के मद्देनजर बाजार बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद दिखा, जिससे राज्य में जनजीवन प्रभावित हुआ।

तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आहूत भारत बंद के अवसर पर कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों सहित बंद समर्थकों ने बारिश के बीच राज्य भर में महत्वपूर्ण चौराहों पर धरना दिया। भुवनेश्वर, बालासोर, राउरकेला, संबलपुर, बरगढ़, बोलांगीर, रायगढ़ा और सुबर्णपुर सहित अन्य जगहों पर सड़कें अवरुद्ध कर दी गईं।

प्रदर्शनकारियों ने भुवनेश्वर स्टेशन पर रेलवे लाइनों को भी अवरुद्ध कर दिया, जिससे राज्य की राजधानी में ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। पूर्व तटीय रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमें विभिन्न स्थानों पर रेलवे लाइनों पर आंदोलन की सूचना मिली हैं। प्रदर्शनकारी कुछ देर बाद खुद ही हट गए। ट्रेन सेवाएं लगभग सामान्य हैं।’’

राज्य भर के सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति कम दिखी। हालांकि, सरकार ने पहले एक नोटिस जारी कर अपने कर्मचारियों को सुबह साढ़े नौ बजे तक कार्यालय पहुंचने का आदेश दिया था, लेकिन खराब मौसम के कारण कई कर्मचारी समय पर नहीं पहुंच सके।

राज्य के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आंदोलनकारियों को प्रवेश से रोकने के लिए लोक सेवा भवन, खारावेला भवन और राजीव भवन पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहे। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर प्रमुख सरकारी कार्यालयों के मुख्य द्वार सुबह सवा 10 बजे बंद कर दिये गये।

ओडिशा राज्य सड़क परिवहन निगम (ओएसआरटीसी) ने बंद के मद्देनजर सुबह छह बजे से दोपहर तीन बजे तक बस सेवा स्थगित कर दी। निजी बसें भी सड़कों से नदारद रहीं।

लॉकडाउन के बाद फिर से खुलने वाले शैक्षणिक संस्थान भी भारत बंद के मद्देनजर नहीं खुले। बाजार बंद थे, लेकिन दवा दुकानों और दूध की दुकानों सहित आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानें इससे अछूती रहीं।

कई ट्रेड यूनियन और बैंक कर्मचारी संघ भी 12 घंटे के बंद का समर्थन कर रहे हैं। वैसे पारादीप पोर्ट, इंडियन ऑयल कॉर्प की रिफाइनरी और नाल्को सहित अन्य कंपनियों के कामकाज पर इसका कोई असर नहीं दिखा।

नवनीमन कृषक संगठन के राज्य संयोजक अक्षय कुमार ने कहा कि देश भर के किसान नाराज हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया। संगठन के एक अन्य नेता शेषदेव नंदा ने कहा, ‘‘आज का बंद प्रतीकात्मक है। जब तक प्रधानमंत्री मोदी तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं लेते, तब तक आंदोलन को और तेज किया जाएगा।’’

भाषा सुरभि शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)