भारत, यूरोपीय संघ को समुद्री अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, कृषि में सहयोग बढ़ाना चाहिए :केंद्रीय मंत्री |

भारत, यूरोपीय संघ को समुद्री अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, कृषि में सहयोग बढ़ाना चाहिए :केंद्रीय मंत्री

भारत, यूरोपीय संघ को समुद्री अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, कृषि में सहयोग बढ़ाना चाहिए :केंद्रीय मंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : October 13, 2021/7:05 pm IST

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) को समुद्री अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, कृषि, जल, नवीकरणीय ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स और पर्यावरण के क्षेत्रों में सहयोग प्रगाढ़ करना चाहिए।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सिंह ने ईयू के एक शिष्टमंडल का स्वागत किया, जिसका नेतृत्व यूरोपीय संघ के राजदूत उगो अस्तुतो कर रहे थे।

उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि यूरोपीय संघ ने हाल ही में ‘होराइजन यूरोप’ (2021-2027) की शुरूआत की है, जो कि एक यूरोपीय संघ वैज्ञानिक अनुसंधान पहल की सात वर्षीय योजना है और ईयू होराइजन यूरोप में भागीदारी के लिए भारतीय वैज्ञानिक एजेंसियों का रुख कर रहा है।

सिंह ने कहा कि भारत बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) से जुड़े मुद्दों पर कुछ चिंताओं के साथ इस कार्यक्रम में भागीदारी करने का इच्छुक है।

उन्होंने वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए एक बहुस्तरीय साझा रुख विकसित करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत-ईयू को समुद्री अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, कृषि, जल नवीकरणीय ऊर्जा, जैव प्राद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और पर्यावरण के क्षेत्रों में सहयोग प्रगाढ़ करना चाहिए।’’

अपनी टिप्पणी में अस्तुतो ने स्वच्छ ऊर्जा, जीनोम सीक्वेंसिंग, अंटार्कटिका में समुद्री संरक्षित क्षेत्रों और शानदार कार्य करने वाले कंप्यूटिंग के उपयोग से अनुसंधान में सहयोग करने के अलावा लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर भी जोर दिया। साथ ही, भरत से ईयू में और यूरोपीय संघ से भारत में छात्रों का आवागमन बढ़ाने पर भी जोर दिया।

भाषा

सुभाष नरेश

नरेश

 

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