भारत 1952 में परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू करने वाला पहला देश : स्वास्थ्य राज्य मंत्री पवार

भारत 1952 में परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू करने वाला पहला देश : स्वास्थ्य राज्य मंत्री पवार

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  • Publish Date - July 27, 2022 / 06:14 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने बुधवार को कहा कि भारत परिवार नियोजन के महत्व को जल्दी समझ गया और 1952 में राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू करने वाला वह पहला देश था।

राष्ट्रीय परिवार नियोजन शिखर सम्मेलन, 2022 की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत एफपी 2020 का एक महत्वपूर्ण सदस्य है, जो अब एफपी 2030 में परिवर्तित हो गया है, और इस साझेदारी के प्रति प्रतिबद्धता के तहत परिवार नियोजन में तीन अरब डॉलर का निवेश किया गया है।

परिवार नियोजन (एफपी) 2030 ने एफपी 2020 की जगह ली है। यह परिवार नियोजन के लिए एक वैश्विक पहल है जो हितधारकों के ज्ञान, संसाधनों को साझा करने तथा क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए एक स्थान प्रदान करती है।

सम्मेलन ‘सतत प्रयास, सहभागिता को आगे ले जाना, परिवार नियोजन में भविष्य की योजना को साकार रूप देना – सबका साथ, सबका विश्वास, सबका प्रयास और सबका विकास’ में उन्होंने कहा, ‘2012 और 2020 के बीच, भारत ने आधुनिक गर्भ निरोधकों से 1.5 करोड़ से अधिक अतिरिक्त उपयोगकर्ता जोड़े, जिससे आधुनिक गर्भनिरोधक उपयोग में काफी वृद्धि हुई है।’

उन्होंने कहा, ‘भारत ने प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता हासिल कर ली है, जिसमें 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने कुल प्रजनन दर 2.1 या उससे कम की है।’

इस कार्यक्रम में, मंत्री ने भारत परिवार नियोजन 2030 दृष्टि दस्तावेज का भी अनावरण किया और चिकित्सा पात्रता मानदंड चक्रीय अनुप्रयोग, परिवार नियोजन व्यवस्था प्रबंधन प्रणाली के ई-मॉड्यूल तथा परिवार नियोजन पर डिजिटल संग्रह की शुरुआत की। पवार ने राष्ट्रीय परिवार नियोजन हेल्पलाइन नियमावली, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी पुस्तिका, और आशा पुस्तिका तथा पत्रक (परिवार नियोजन) भी जारी की।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में परिवार नियोजन कार्यक्रम सात दशक से अधिक पुराना है, जिसके दौरान भारत में जनसंख्या नियंत्रण की अवधारणा से जनसंख्या स्थिरीकरण की अवधारणा आयी है।

उन्होंने कहा कि यद्यपि भारत ने प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता हासिल कर ली है, फिर भी प्रजनन आयु वर्ग में अभी भी एक महत्वपूर्ण आबादी है जिसे हस्तक्षेप प्रयासों के केंद्र में रहना चाहिए।

भाषा नेत्रपाल नरेश

नरेश