वर्ष 2020 में भारत में प्रतिदिन औसतन 80 हत्याएं हुईं,अपरहण के मामलों में कमी: एनसीआरबी |

वर्ष 2020 में भारत में प्रतिदिन औसतन 80 हत्याएं हुईं,अपरहण के मामलों में कमी: एनसीआरबी

वर्ष 2020 में भारत में प्रतिदिन औसतन 80 हत्याएं हुईं,अपरहण के मामलों में कमी: एनसीआरबी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : September 15, 2021/5:31 pm IST

नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के बुधवार को जारी आंकड़ों अनुसार, भारत में 2020 में प्रतिदिन औसतन 80 हत्याएं हुईं और कुल 29,193 लोगों की कत्ल की गयी। इस मामले में राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश अव्वल स्थान पर है।

आंकड़ों के अनुसार, 2019 की तुलना में हत्या के मामलों में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। 2019 में प्रतिदिन औसतन 79 हत्याएं हुई थी और कुल 28,915 कत्ल हुए थे।

वहीं, अपहरण के मामलों में 2019 की तुलना में 2020 में 19 प्रतिशत की कमी आई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले एनसीआरबी के आंकड़ें बताते हैं कि 2020 में अपहरण के 84,805 मामले दर्ज किए गए जबकि 2019 में 1,05,036 मामले दर्ज किए गए थे।

आंकड़ों के अनुसार, 2020 में उत्तर प्रदेश में हत्या के 3779 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद बिहार में हत्या के 3,150, महाराष्ट्र में 2,163, मध्य प्रदेश में 2,101 और पश्चिम बंगाल में 1,948 मामले दर्ज किए गए।

दिल्ली में 2020 में हत्या के 472 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी समेत पूरे भारत में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगाया गया था।

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल जिन लोगों की हत्या की गई थी उनमें से 38.5 प्रतिशत 30-45 वर्ष आयु समूह के थे जबकि 35.9 प्रतिशत 18-30 वर्ष आयु के समूह के थे। आंकड़े बताते हैं कि कत्ल किए गए लोगों में 16.4 फीसदी 45-60 वर्ष की आयु वर्ग के थे तथा चार प्रतिशत 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे जबकि शेष नाबालिग थे।

आंकड़ें बताते हैं कि 2020 में अपहरण के सबसे ज्यादा 12,913 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। इसके बाद पश्चिम बंगाल में अपहरण के 9,309, महाराष्ट्र में 8,103, बिहार में 7,889, मध्य प्रदेश में 7,320 मामले दर्ज किए गए। आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में अपहरण के 4,062 मामले दर्ज किए गए हैं।

एनसीआरबी ने कहा कि देश में अपहरण के 84,805 मामलों में 88,590 पीड़ित थे। उसने बताया कि इनमें अधिकतर यानी 56,591 पीड़ित बच्चे थे।

भाषा

नोमान माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)