नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत-अफ्रीका संबंधों की ‘जड़ें गहरी’ हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने अफ्रीका में अपनी राजनयिक उपस्थिति का विस्तार किया है और अब उस महाद्वीप में भारतीय मिशन की कुल संख्या 45 हो गई है।
अफ्रीका दिवस मनाने के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जययशंकर ने कहा कि विश्व में सबसे अधिक आबादी वाला देश और वर्तमान में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत, अफ्रीका को एक ‘‘स्वाभाविक साझेदार’’ के रूप में देखता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि अफ्रीका आज बहुत तेजी के साथ बदलाव के दौर से गुजर रहा है। यह बदलाव मानव सभ्यता के उद्गम स्थल से लेकर भविष्य की भूमि बनने तक का है।’’
विदेश मंत्री ने कहा कि यह सबसे युवा आबादी वाला महाद्वीप है, जिसमें विशाल प्राकृतिक संसाधन, विस्तारित क्षमताएं, बढ़ते बाजार और सबसे बढ़कर ‘बढ़ती महत्वाकांक्षाएं’ हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश और वर्तमान में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत, अफ्रीका को एक स्वाभाविक साझेदार के रूप में देखता है। विश्वास और पारस्परिक सम्मान के आधार पर अब यह उत्पादन, अनुसंधान, स्थानीयकरण और स्थानीय रोजगार के साथ अफ्रीका के भीतर मूल्य संवर्धन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।’’
मंत्री ने कहा कि भारत-अफ्रीका संबंध की ‘जड़े गहरी हैं’ और ऐतिहासिक हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हम 1963 में अफ्रीकन यूनिटी ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना के उपलक्ष्य पर एकत्र हुए हैं, मैं हमारी ऐतिहासिक एकजुटता व्यक्त करता हूं, हमारे साझा हितों को रेखांकित करता हूं तथा हमारी समान आकांक्षाओं को दोहराता हूं।’’
वर्ष 1963 में ‘अफ्रीकन यूनिटी ऑर्गेनाइजेशन’ की स्थापना के उपलक्ष्य में अफ्रीका दिवस मनाया जाता है।
मंत्री ने कहा, ‘‘ लोगों के बीच आपसी संबंध अफ्रीका के साथ हमारे संबंधों का एक महत्वपूर्ण आयाम हैं और हमने 33 अफ्रीकी देशों को ई-वीजा सुविधाएं प्रदान की हैं। हमने 16 नए राजनयिक मिशन खोलकर अफ्रीका में अपने राजनयिक उपस्थिति का भी विस्तार किया है, जिससे महाद्वीप में भारतीय मिशनों की कुल संख्या 45 हो गई है।’’
भाषा धीरज खारी
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