अफगानिस्तान की स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा भारत : ब्लिंकन |

अफगानिस्तान की स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा भारत : ब्लिंकन

अफगानिस्तान की स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा भारत : ब्लिंकन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : July 28, 2021/10:33 pm IST

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) अमेरिका ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान के संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता और भारत अफगानिस्तान की स्थिरता व विकास में एक नेतृत्व व क्षेत्र में अमेरिका के अहम सहयोगी के तौर पर महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा।

अफगानिस्तान में उभरती स्थिति और अन्य मुद्दों पर दोनों पक्षों में व्यापक चर्चा के बाद अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यह स्पष्ट दावा किया।

अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा परिदृश्य के बीच मंगलवार शाम को भारत पहुंचे ब्लिंकन इस साल भारत आने वाले बाइडन प्रशासन के तीसरे वरिष्ठ सदस्य हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अंतत: अफगान के नेतृत्व और अफगानिस्तान के स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया वहां होनी चाहिए। भारत इस स्थिति का पिछले कई वर्षों से पक्षधर रहा है।

उन्होंने कहा, “शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान में भारत और अमेरिका की गहरी रुचि है। एक नेता और क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में भारत ने अफगानिस्तान की स्थिरता और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और आगे भी ऐसा करना जारी रखेगा तथा हम अफगान लोगों के हितों को कायम रखने व गठबंधन सेनाओं की देश से वापसी के बाद क्षेत्रीय स्थिरता के लिये साथ काम करना जारी रखेंगे।”

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों इस बात पर मजबूती से सहमत हैं कि अफगानिस्तान में भविष्य में बनने वाली किसी भी सरकार को समावेशी होना चाहिए और उसमें अफगान लोगों का पूर्ण प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

ब्लिंकन ने तालिबान द्वारा हिंसा के जरिये नए इलाकों को अपने कब्जे में लिए जाने के संदर्भ में कहा, “देश को ताकत व लोगों के अधिकारों को कुचलकर कब्जे में लेना उस लक्ष्य को हासिल करने का रास्ता नहीं है। सिर्फ एक रास्ता है बातचीत के लिए आगे आना और शांतिपूर्ण तरीके से विवाद का समाधान करना।”

जयशंकर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सभी पक्ष शांतिवार्ताओं को गंभीरता से लें।

उन्होंने कहा, “दुनिया एक स्वतंत्र, संप्रभु,लोकतांत्रिक और स्थिर अफगानिस्तान देखना चाहती है…जो खुद शांत हो और पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्वक रहे लेकिन उसकी स्वतंत्रता व संप्रभुता तभी सुनिश्चित हो पाएगी जब वह दुर्भावनापूर्ण प्रभावों से मुक्त होगा।”

भाषा प्रशांत पवनेश

पवनेश

 

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