नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) भारत और उज्बेकिस्तान ने बुधवार को सुरक्षा, कारोबार, आर्थिक क्षेत्र, सम्पर्क, विकास गठजोड़ सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों की समग्र समीक्षा की। साथ ही दोनों देशों के बीच कारोबार के लिये चाबहार बंदरगाह का पूर्ण क्षमता से उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की ।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, नयी दिल्ली में बुधवार को भारत-उज्बेकिस्तान विदेश कार्यालय विचार विमर्श के 15वें दौर की बातचीत में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की ।
इसमें कहा गया है कि, ‘‘ विचार विमर्श के दौरान दोनों पक्षों ने राजनीति, सुरक्षा, कारोबार, आर्थिक क्षेत्र, सम्पर्क, विकास गठजोड़, मानवीय एवं सांस्कृतिक आयामों सहित द्विपक्षीय संबंधों की समग्र रूप से समीक्षा की । ’’
मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच बातचीत मुख्य रूप से वृहद आर्थिक सहयोग और भारत एवं उज्बेकिस्तान के बीच सम्पर्क बढ़ाने के कदमों पर केंद्रीत रही ।
बयान के अनुसार, ‘‘ दोनों पक्षों ने कारोबार के लिये चाबहार बंदरगाह का पूर्ण क्षमता से उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की । ’’
गौरतलब है कि ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास के लिये भारत ने सहयोग किया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान सहित साझा हितों से जुड़े क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया ।
दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र, संघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एवं अन्य बहुस्तरीय मंचों पर सहयोग और बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की ।
दोनों देशों ने जानवरी 2022 में हुई प्रथम भारत-मध्य एशिया शिखर बैठक की समीक्षा की और इसके परिणामों को तेजी से लागू करने पर सहमति व्यक्त की ।
इस बैठक की सह अध्यक्षता भारत की ओर से मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा तथा उज्बेकिस्तान के विदेश मामलों के उप मंत्री फुरकत सिदिकोव ने की । इसकी पिछली बैठक नवंबर 2020 में डिजिटल माध्यम से हुई थी ।
बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने अगले दौर का विचार विमर्श उज्बेकिस्तान में आपसी सहूलियत के अनुरूप तय तिथि को करने पर सहमति व्यक्त की ।
भाषा दीपक दीपक नरेश
नरेश