भारतीय, अफगान उलेमाओं ने अफगानिस्तान में हिंसा की निंदा की, अमन का आह्वान किया

भारतीय, अफगान उलेमाओं ने अफगानिस्तान में हिंसा की निंदा की, अमन का आह्वान किया

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  • Publish Date - December 31, 2020 / 07:02 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:51 PM IST

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) भारतीय और अफगान उलेमाओं (धार्मिक विद्वानों) के एक समूह ने अफगानिस्तान में मौजूदा ‘जंग’ को ‘नाजायज़’ बताया और कहा कि तालिबान द्वारा असैन्य संस्थानों और सार्वजनिक आधारभूत ढांचे को ‘निशाना’ बनाना, इस्लाम की बुनियादी शिक्षाओं के खिलाफ है।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के मुताबिक, उलेमाओं ने यहां इंडियन इस्लामिक कल्चरल सेंटर में बुधवार को ‘ अफगानिस्तान एवं भारत के इस्लामी उलेमाओं की एक सभा’ में एक घोषणा पत्र भी जारी किया गया।

घोषणा पत्र में उलेमाओं ने कहा कि इस्लाम अमन का मज़हब है। उन्होंने अफगानिस्तान के अलग अलग पक्षों से तत्काल राष्ट्रव्यापी संघर्षविराम घोषित करने की अपील की।

इसमें कहा गया है, ‘तालिबान द्वारा इस्लामी गणतंत्र अफगानिस्तान की सरकार और लोगों के खिलाफ जंग एवं हिंसा और असैन्य संस्थानों और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना इस्लाम की बुनियादी तालीम (शिक्षा) के खिलाफ है और इसलिए यह नाजायज़ है।’

भाषा

नोमान अविनाश

अविनाश