अंतरराष्ट्रीय आव्रजन रैकेट का भंडाफोड़, दो आरोपी गिरफ्तार |

अंतरराष्ट्रीय आव्रजन रैकेट का भंडाफोड़, दो आरोपी गिरफ्तार

अंतरराष्ट्रीय आव्रजन रैकेट का भंडाफोड़, दो आरोपी गिरफ्तार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : August 7, 2022/8:53 pm IST

नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) मुंबई के रहने वाले एजेंट और एक यात्री को गिरफ्तार करने के साथ दिल्ली पुलिस ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय आव्रजन रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि यह रैकेट जाली पासपोर्ट के आधार पर लोगों को विदेश भेजने के कार्य में संलिप्त था।

पुलिस उपायुक्त (इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) तनु शर्मा ने बताया कि एजेंट की पहचान मुश्ताक (33) के तौर पर की गई है जो गुजरात और मुंबई से कार्य कर रहे अपने साथियों की मदद से जाली पासपोर्ट की व्यवस्था करता था।

पुलिस ने बताया कि छह जुलाई को भारतीय पासपोर्ट धारक रवि रमेशभाई चौधरी को कुवैत से वापस भारत भेजा गया था। वह जब आव्रजन मंजूरी के लिए गया तो उसका पासपोर्ट जाली पाया गया।

शर्मा ने बताया, ‘‘जांच के दौरान गिरफ्तार आरोपी रवि रमेशभाई चौधरी से कड़ी पूछताछ की गई। उसने खुलासा किया कि वह कुछ एजेंटों- नारायण भाई, जाकिर युसूफ शेख और मुश्ताक के संपर्क में आया। ये सभी एजेंट गुजरात और मुंबई के रहने वाले हैं।’’

उन्होंने बताया, ‘‘ शुरुआत में चौधरी को गुजरात के स्थानीय एजेंट नारायण भाई ने आश्वस्त किया कि 65 लाख रुपये में उसके लिए जाली पासपोर्ट और वीजा की व्यवस्था की जाएगी। नारायण भाई ने इसके साथ ही अपने मुंबई के सहयोगियों जाकिर युसूफ शेख और मुश्ताक का नंबर दिया। 65 लाख में करार हुआ और चौधरी ने कथित एजेंट नारायण भाई को पेशगी के तौर पर 15 लाख रुपये नकद भुगतान किया।’’

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक आरोपी नारायणभाई ने चौधरी से कहा कि वह उसके सहयोगियों जाकिर युसूफ शेख और मुश्ताक से संपर्क करे जो दिल्ली और मुंबई से मानव तस्करी का धंधा करते हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘चौधरी ने अपनी तस्वीर और हस्ताक्षर व्हाट्सऐप के जरिये मुश्ताक को भेजी। उसकी तस्वीर और हस्ताक्षर मिलने के बाद मुश्ताक ने मुंबई में रहने वाले जाकिर युसूफ शेख के निर्देश पर रवि रमेशभाई चौधरी के नाम से जाली पासपोर्ट की व्यवस्था की।’’

उन्होंने बताया, ‘‘इसके बाद, फर्जी और जाली पासपोर्ट के आधार पर नीदरलैंड की फर्जी शेंगेन वीजा की व्यवस्था की गई। यात्री को नीदरलैंड से मेक्सिको और फिर वहां से अवैध तरीके से अमेरिका जाना था। करार के तहत बाकी राशि यात्री के अमेरिका पहुंचने पर उसके परिवार द्वारा नारायण भाई को दी जानी थी।’’

शर्मा ने बताया कि चौधरी की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के बाद एजेंट नारायणभाई, जाकिर और मुश्ताक गुजरात और मुंबई स्थित अपने-अपने घरों से फरार हो गए और लगतार अपना ठिकाना बदलत रहे थे। उन्होंने बताया कि फोन कॉल की निगरानी आदि के सहारे पुलिस की टीम ने मुश्ताक के मुंबई में होने का पता लगाया और तीन अगस्त को उसे गिरफ्तार किया।

पुलिस ने बताया कि मुश्ताक के पास से चार मोबाइल फोन मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है और बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है।

भाषा धीरज नरेश अमित

अमित

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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