Iqbal Ansari Latets Statement: इक़बाल अंसारी बोले, ‘बाबर के नाम पर कोई मस्जिद नहीं बननी चाहिए.. बाबर कोई मसीहा नहीं’.. खुद सुनें..

Iqbal Ansari Latets Statement: कबीर ने आगे बताया कि मस्जिद के लिए 300 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें एक अस्पताल, गेस्टहाउस और मीटिंग हॉल भी शामिल होगा। उन्होंने परियोजना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, "यह मुसलमानों का वादा है, बाबरी मस्जिद बनेगी, बनेगी, बनेगी।"

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  • Publish Date - December 7, 2025 / 08:42 AM IST,
    Updated On - December 7, 2025 / 08:42 AM IST

Iqbal Ansari Latets Statement || Image- ANI News File

HIGHLIGHTS
  • इकबाल अंसारी ने जताई नाराजगी
  • बाबर के नाम पर आपत्ति
  • चुनावी राजनीति का आरोप

Iqbal Ansari Latets Statement: अयोध्या: बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले में पूर्व वादी इकबाल अंसारी ने निलंबित TMC विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने के मामले पर अपने प्रतिक्रिया दी है। उन्होए इस मसले पर कहा, “आज राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का कोई विवाद नहीं है। कोर्ट ने जो फैसला किया, उसका पूरे देश के मुसलमानों ने सम्मान किया।”

इकबाल अंसारी ने इस पूरे विवाद पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कुई, “आज बंगाल में TMC के नेताओं को चुनाव से पहले बाबर के नाम की मस्जिद की याद आ गई। चुनाव अभी शुरू नहीं हुआ लेकिन मंदिर-मस्जिद की राजनीति शुरू हो गई। हम इसे राजनीति ही मानते हैं। हमारा मानना है कि बाबर के नाम पर कोई मस्जिद नहीं बननी चाहिए क्योंकि बाबर कोई मसीहा नहीं है।”

हैदराबाद में ‘बाबर स्मारक’ निर्माण का ऐलान

इस पूरे विवाद के बीच तहरीक मुस्लिम शब्बन के अध्यक्ष मुश्ताक मलिक ने कहा कि बाबरी मस्जिद के लिए एक स्मारक ग्रेटर हैदराबाद में कल्याणकारी संस्थानों के साथ स्थापित किया जाएगा। मस्जिद के विध्वंस की 33 वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक सार्वजनिक बैठक के बाद मलिक ने कहा कि हैदराबाद में एक नियमित सार्वजनिक बैठक के साथ वर्षगांठ मनाई गई है। जिसके दौरान यह निर्णय लिया गया है।

बाबरी मस्जिद विध्वंस की 33वीं बरसी पर लिया फैसला

Iqbal Ansari Latets Statement: उन्होंने कहा, “बाबरी मस्जिद विध्वंस की 33वीं बरसी के मद्देनज़र हैदराबाद स्थित मस्जिद में एक नियमित सार्वजनिक बैठक आयोजित की गई थी। उस बैठक में हमने तय किया कि ग्रेटर हैदराबाद में बाबरी मस्जिद के लिए एक स्मारक बनाया जाएगा और उसके भीतर कुछ कल्याणकारी संस्थान भी बनाए जाएंगे। हम जल्द ही घोषणा करेंगे कि इसका निर्माण कैसे और कितने समय के लिए होगा।”

मलिक ने आगे कहा कि “बाबर के नाम से किसी को परेशान नहीं होना चाहिए। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए बाबर की तरफ से कोई राजस्व आया था। यह संभव है कि किसी स्थानीय व्यक्ति का नाम बाबर रखा गया हो, लेकिन भाजपा और आरएसएस बाबर को मुद्दा बनाना चाहते हैं। बाबर का शासनकाल बहुत छोटा था।”

‘मुग़ल शासकों ने भी धार्मिक रीति-रिवाजों को रखा जारी’ :मुश्ताक मलिक

उन्होंने आगे आरोप लगाया, “अगर हम तुलसीदास की रामायण देखें, तो वह बाबरी मस्जिद के निर्माण के 60 साल बाद लिखी गई थी। उस रामायण में इस बात का कोई ज़िक्र नहीं है कि राम मंदिर को तोड़ा गया था।” उन्होंने आगे कहा कि बाद के मुग़ल शासकों ने भी धार्मिक रीति-रिवाजों को जारी रहने दिया। उन्होंने कहा, “बाबर के बाद हुमायूँ का शासन आया और उसके बाद अकबर का। अकबर के महल में अनुष्ठान और प्रार्थनाएँ होती थीं। जोधाबाई अकबर के महल में थीं। अनुष्ठान, प्रार्थनाएँ और हवन होते थे। उस समय तुलसीदास भी जीवित थे। अकबर के काल में, तुलसीदास अकबर से बात कर सकते थे। मान सिंह उस समय सेनापति थे। वह उनसे पूछ सकते थे। तुलसी दास की रामायण में ऐसी कोई बात नहीं है।”

मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि “यह देश को बांटने के लिए राजनीतिक दुष्प्रचार है। इससे हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों, ईसाइयों और दलितों के बीच जो भाईचारा था, वह बिखर गया है और नफरत के बीज बोए गए हैं।”

भाजपा ने साधा हुमायूँ कबीर पर निशाना

Iqbal Ansari Latets Statement: इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखने के बाद निलंबित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक हुमायूं कबीर पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी सरकार राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रही है। चुघ ने ऐतिहासिक और धार्मिक भावनाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भारत “बाबर के नाम पर किसी भी स्मारक को कभी स्वीकार नहीं करेगा।”

उन्होंने कहा, “वही बाबर जो देश की संस्कृति को मिटाने के उद्देश्य से भारत आया था, गुरु नानक साहिब ने उसे अत्याचारी करार दिया था। उसने गंगा, यमुना और सरयू नदियों को हिंदू रक्त से लाल कर दिया था। भारत उसके नाम पर कोई स्मारक या वस्तु कभी स्वीकार नहीं करेगा।”

‘बाबरी मस्जिद बनकर रहेगी’ :हुमायूँ कबीर

इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के निर्माण की आधारशिला रखी। कबीर ने दावा किया कि वह कुछ भी “असंवैधानिक” नहीं कर रहे हैं, उन्होंने कहा, “कोई भी मंदिर बना सकता है, कोई भी चर्च बना सकता है, मैं एक मस्जिद बनाऊंगा। यह कहा जा रहा है कि हम बाबरी मस्जिद नहीं बना सकते। यह कहीं भी नहीं लिखा है। सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया जिसमें कहा गया था कि हिंदू लोगों ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था। हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, यहां एक मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया था। अब हम देखते हैं कि कोई सागरदीघी में राम मंदिर की आधारशिला रख रहा है। लेकिन संविधान हमें एक मस्जिद बनाने की अनुमति देता है।”

Iqbal Ansari Latets Statement: कबीर ने आगे बताया कि मस्जिद के लिए 300 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें एक अस्पताल, गेस्टहाउस और मीटिंग हॉल भी शामिल होगा। उन्होंने परियोजना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, “यह मुसलमानों का वादा है, बाबरी मस्जिद बनेगी, बनेगी, बनेगी।”

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Q1. इकबाल अंसारी ने हुमायूं कबीर के कदम को कैसे देखा?

उन्होंने इसे चुनावी राजनीति और अनावश्यक मंदिर-मस्जिद विवाद बताया।

Q2. अंसारी ने बाबर के नाम पर मस्जिद बनाने पर क्या कहा?

उन्होंने कहा बाबर मसीहा नहीं, उसके नाम पर मस्जिद नहीं बननी चाहिए।

Q3. क्या अब राम जन्मभूमि–बाबरी मस्जिद विवाद बाकी है?

अंसारी ने कहा कोर्ट का फैसला मानकर विवाद पूरी तरह समाप्त हो चुका है।