इजराइल ने ईरान पर पाबंदियों में ढील के खिलाफ किया आगाह, कहा- आतंकवाद फैला सकता है

इजराइल ने ईरान पर पाबंदियों में ढील के खिलाफ किया आगाह, कहा- आतंकवाद फैला सकता है

  •  
  • Publish Date - January 18, 2022 / 08:07 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:28 PM IST

नयी दिल्ली/दावोस, 18 जनवरी (भाषा) इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने मंगलवार को ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों में किसी भी तरह की ढील के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि तेहरान को किसी भी तरह की वित्तीय मदद से आतंकवाद पैर पसार सकता है। उन्होंने ईरान को ‘‘आतंकवाद का ऑक्टोपस’’ बताया और कहा कि वह मदद के परिणामस्वरूप आतंकवाद फैला सकता है।

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के ऑनलाइन दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए इजराइल के प्रधानमंत्री ने विश्व के नेताओं को व्यापार सहयोग के लिए भी आमंत्रित किया और कहा कि इजराइल व्यापार के लिए खुला है और नए दोस्तों के साथ सेतु का निर्माण कर रहा है। बेनेट ने कहा, ‘‘हम एक साथ अच्छी चीजें करना चाहते हैं।’’

ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों में ढील के बारे में कुछ हलकों में वार्ता के बारे में पूछे जाने पर बेनेट ने कहा, ‘‘ईरान आतंक और अस्थिरता का ‘ऑक्टोपस’ है जिसका सिर तेहरान में है और यह समूचे मध्य पूर्व में फैला हुआ है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि ईरान जिस भी देश के साथ काम करता है वह विफल रहता है क्योंकि तेहरान के पास आतंकवाद को फैलाने का एक चतुर तरीका है और अपनी आतंकी गतविधियों का संचालन करने के लिए छद्म तरीका अपनाता है। बेनेट ने आरोप लगाया, ‘‘ईरान मध्य पूर्व में आतंक का स्रोत है और स्वतंत्र देशों को आतंकवाद खत्म करने का आह्वान करना चाहिए।’’

इजराइल के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आखिरी चीज जो आप इस तरह के ऑक्टोपस के साथ करना चाहते हैं, वह है इस उपक्रम में अरबों डॉलर की मदद देना। लेकिन आपको क्या मिलेगा? आपको मदद के बदले आतंकवाद मिलता है। आप जो कुछ भी देखेंगे वह दोगुना और तिगुना हो जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि स्वतंत्र दुनिया के लिए ईरान को परमाणु हथियार बनाने की अनुमति देने का कोई मतलब नहीं है। बेनेट ने कहा, ‘‘मैं मूल रूप से एक व्यवसायी हूं और मैं एक बात कह सकता हूं – ईरान में निवेश करना एक अच्छा व्यवसाय नहीं है, चाहे कोई सौदा हो या कोई सौदा न हो।’’ कोविड​​-19 के बारे में बेनेट ने कहा कि वह त्वरित निर्णय लेने में विश्वास करते हैं क्योंकि ऐसी स्थितियों में जल्दी और तुरंत कदम उठाना जरूरी है।

भाषा आशीष उमा

उमा