इसरो ने गगनयान प्रणोदन प्रणाली के ‘हॉट टेस्ट’ सफलतापूर्वक पूरे किए

इसरो ने गगनयान प्रणोदन प्रणाली के ‘हॉट टेस्ट’ सफलतापूर्वक पूरे किए

इसरो ने गगनयान प्रणोदन प्रणाली के ‘हॉट टेस्ट’ सफलतापूर्वक पूरे किए
Modified Date: July 9, 2025 / 12:48 pm IST
Published Date: July 9, 2025 12:48 pm IST

बेंगलुरु, नौ जुलाई (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने तीन जुलाई को महेंद्रगिरि में अपने प्रणोदन परिसर में गगनयान सेवा मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली (एसएमपीएस) के दो ‘हॉट टेस्ट’ (तप्त परीक्षण) सफलतापूर्वक पूरे किए।

‘हॉट टेस्ट’ एक प्रकार का परीक्षण होता है जिसमें रॉकेट या अंतरिक्ष यान की प्रणोदन प्रणाली को वास्तविक स्थितियों में चलाकर परखा जाता है। यह परीक्षण सुनिश्चित करता है कि इंजन या थ्रस्टर अंतरिक्ष में अपेक्षित परिस्थितियों में सही काम करेंगे या नहीं।

इसरो ने बुधवार को एक बयान में कहा कि ये परीक्षण बेहद कम समय क्रमश: 30 सेकंड और 100 सेकंड तक चले, जिनका उद्देश्य नमूना विन्यास (टेस्ट आर्टिकल कन्फीग्यूरेशन) को सत्यापित करना था।

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अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘‘इन ‘हॉट टेस्ट’ के दौरान प्रणोदन प्रणाली का कुल प्रदर्शन परीक्षण पूर्वानुमानों के अनुसार सामान्य रहा। 100 सेकंड के परीक्षण के दौरान सभी प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (आरसीएस) थ्रस्टर्स का विभिन्न मोड (स्थिर अवस्था, पल्स मोड) में एक साथ संचालन किया गया। साथ ही सभी ‘लिक्विड एपोजी मोटर’ (एलएएम) इंजनों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया।’’

‘लिक्विड एपोजी मोटर’ (एलएएम) एक तरल ईंधन आधारित रॉकेट इंजन होता है, जिसका उपयोग उपग्रह को उसकी अंतिम कक्षा में पहुंचाने के लिए किया जाता है।

इसरो के अनुसार, गगनयान कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की यह क्षमता प्रदर्शित करना है कि वह एक मानवयुक्त अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की निचली कक्षा में प्रक्षेपित कर सकता है और इस मिशन से प्राप्त अनुभव और ज्ञान इसकी सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

भाशा

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नरेश


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