गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का ब्योरा देना सभी का कर्तव्य : राष्ट्रपति |

गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का ब्योरा देना सभी का कर्तव्य : राष्ट्रपति

गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का ब्योरा देना सभी का कर्तव्य : राष्ट्रपति

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : November 24, 2021/4:16 pm IST

कानपुर (उत्तर प्रदेश), 24 नवंबर (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश को तमाम लोगों के महत्वपूर्ण योगदान के बाद स्वतंत्रता प्राप्त हुई है और आजादी में भूमिका निभाने वाले गुमनाम लोगों का भी ब्योरा जनता तक पहुंचाना सभी का कर्तव्य है।

जिले के दो दिवसीय दौरे पर आए राष्ट्रपति कोविंद बुधवार को चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है। इस दौरान हम स्वतंत्रता संग्राम के उन गुमनाम नायकों के योगदान को याद करेंगे जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।’’

इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों अजीजन बाई, मैनावती, जयदेव कपूर, शिव वर्मा, विजय कुमार सिन्हा और डॉ. गया प्रसाद को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ”ऐसे कई स्वतंत्रता सेनानियों के महत्वपूर्ण योगदान के कारण भारत को स्वतंत्रता मिली है, इसलिए हम सभी का कर्तव्य है कि ऐसे गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान की जानकारी जनता तक पहुंचाएं।”

उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी राष्ट्र के उज्‍जवल भविष्‍य की नींव, अतीत के अनुभव और पूर्वजों की विरासत से मजबूती प्राप्त करती है। एक सुदृढ़, यशस्वी, विकसित और समृद्ध भारत के लिए निर्माण में हम सबकी सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए।”

चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जीवन पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ”हरमोहन सिंह का जीवन सादगी और जनसेवा का उत्तम उदाहरण है। 1984 में उन्‍होंने सांप्रदायिक सौहार्द का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। अपनी जान जोखिम में डालकर उन्‍होंने उन्मादी भीड़ का डटकर मुकाबला किया और बड़ी संख्या में लोगों की लजान बचाई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनका जीवन भावी पीढ़ी के लिए अनुकरणीय है। हरमोहन सिंह सादगी और जनसेवा के प्रेरणास्रोत थे। उन्होंने लोगों के जीवन में, विशेषकर हाशिये पर रहने वालों और किसानों के जीवन में खुशियाँ लाने का प्रयास किया।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि ग्राम सभा से लेकर राज्यसभा तक, कृषि के बारे में हरमोहन सिंह के विचारों को नीति निर्माताओं ने बहुत गंभीरता से सुना।

शिक्षा के क्षेत्र में हरमोहन सिंह के प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘वह समझते थे कि शिक्षा हर परिवार और समाज की प्रगति का आधार है। वह कहते थे कि शिक्षा लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और समाज तथा देश को बेहतर बनाने का सबसे अच्छा साधन है।”

इससे पहले राष्ट्रपति का स्वागत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकेरी हवाईअड्डे पर किया। बृहस्‍पतिवार को राष्ट्रपति कोविंद हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि चौधरी हरमोहन सिंह यादव विधान परिषद और राज्यसभा के सदस्य समेत कई महत्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर रहे और और उन्‍हें 1984 के दंगों में सिखों की रक्षा के लिए राष्ट्रपति ने 1991 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। शौर्य चक्र वीरता के कार्यों के लिए नागरिकों को दिया जाने वाला पदक है।

भाषा सं आनन्द अर्पणा

अर्पणा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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