जगन ने विजयवाड़ा में 42 मकानों को गिराये जाने के मामले में सीबीआई जांच की मांग की
जगन ने विजयवाड़ा में 42 मकानों को गिराये जाने के मामले में सीबीआई जांच की मांग की
विजयवाड़ा, 16 दिसंबर (भाषा) वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने जोजी नगर में हाल में 42 मकानों को गिराये जाने के मामले में मंगलवार को सीबीआई जांच की मांग की और आरोप लगाया कि इसमें सरकार के भीतर अत्यधिक प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता है।
जगन ने आज घटनास्थल का दौरा किया और प्रभावित परिवारों के प्रति एकजुटता व्यक्त की।
जगन ने प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उन्हें हर कानूनी सहायता का आश्वासन भी दिया।
इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘केवल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराये जाने से ही सच्चाई सामने आएगी और इन कृत्यों के पीछे उच्च पदों पर बैठे लोगों की भूमिका का खुलासा होगा।’’
विजयवाड़ा नगर निगम के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इन मकानों को गिराने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
जगन के अनुसार 2.1 एकड़ के भूखंड पर रहने वाले 42 परिवारों के पास सभी आवश्यक अनुमति थी और वे आवास ऋण पर समान मासिक किस्तें (ईएमआई) चुका रहे थे, जब उनके मकानों को ध्वस्त कर दिया गया।
इस भूखंड की कीमत कथित तौर पर लगभग 150 करोड़ रुपये है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, आईटी मंत्री नारा लोकेश और अन्य स्थानीय नेताओं पर निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए ‘‘इस कार्रवाई का समर्थन करने’’ का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय के अंतरिम राहत आदेश के बावजूद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में विध्वंस की कार्रवाई की गई।
उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के बीच पिछली तेदेपा सरकार के कार्यकाल के दौरान बनाए गए फर्जी दस्तावेजों के जरिए भूमि हड़पने की घटना को अंजाम दिया गया।
विपक्षी नेता ने सवाल उठाया कि अगर निवासियों के पास जमीन का मालिकाना हक नहीं था, तो आधिकारिक अनुमतियां कैसे दी गईं और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर ‘‘सत्ता का घोर दुरुपयोग’’ करने का आरोप लगाया।
इस बीच, सत्तारूढ़ तेदेपा की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
भाषा
देवेंद्र दिलीप
दिलीप

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