नोटबंदी पर मनमोहन के हमलों का जवाब देने मैदान में उतरे जेटली

नोटबंदी पर मनमोहन के हमलों का जवाब देने मैदान में उतरे जेटली

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  • Publish Date - November 7, 2017 / 10:52 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:54 PM IST

नई दिल्ली। नोटबंदी की सालगिराह पर विपक्षी हमलों से पस्त होती दिख रही बीजेपी को हौसला देने मंगलवार को वित्त मंत्री अरूण जेटली खुद मीडिया के सामने आए। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सवालों का जवाब भी दिया और यूपीए और एनडीए के समय की तुलना भी की। गोरतलब है कि पिछले दो दिनों से मनमोहन सिंह नोटबंदी को लेकर लगातार हमलावर है उन्होंने नोटबंदी के लिए संगठित लूट, कानूनी डाका जैसे शब्दों का उपयोग करते हुए मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया।

मनमोहन ने नोटबंदी को बताया मोदी की बड़ी गलती

सरकार की तरफ से जवाब देने मैदान आए खुद वित्त मंत्री अरूण जेटली, उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी में 12 प्रतिशत हिस्सा कैश का है और उसमें में 86 फीसदी बड़ी नोट थे। देश ऐसे चल रहा था कि जो टैक्स देता है उस पर ज्यादा बोझ और जो नहीं दे रहा उसका खर्चा भी वह उठा रहा था जो टैक्स देता है। जो पैसा संपन्न व्यक्ति को देश चलाने के लिए सरकारी खजाने में जमा करना चाहिए था वह उसे भी अपनी जेब में रख लेता था। लेकिन नोटबंदी से देश में टैक्स देने वाले ऐसे लोग बढ़े हैं जो पहले इस सिस्टम से बाहर थे। जेटली आगे कहते हैं कि नोटबंदी से कैशलैश इकाॅनमी की ओर बढ़ने का प्रयास सरकार ने किया। डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़े है। हम टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने में कामयाब हुए है।

वहीं कुछ लोगों का तर्क है कि नोटबंदी से कुछ हासिल नहीं हुआ लोगों ने सारा पैसा बैंकों में जमा कर दिया। यह तो अच्छी बता है कि लोगों का पैसा बैंक में है इससे यह तो पता चला की यह किसकी मलकियत है। 1.8 मिलियन ऐसे लोगों ने अपनी आय से ज्यादा पैसा बैंकों में जमा किया।अब उन्हें आईटी में जवाब देना पड़ रहा है।

 हमारे द्वारा किया गया रीमोनेटाइजेशन दुनिया में एक मिसाल है इतनी बड़ी रकम इतनी आसानी से बदल दी गई। लोकतंत्र है कांग्रेस विपक्षी पार्टी है सवाल उठाना लाजिम है लेकिन किसी साफ तस्वीर को धुंधला पेश करना अन्याय है। 

 

अमन वर्मा, IBC24