झारखंड: लातेहार में सात लड़कियों समेत आठ की तालाब में डूबने से मौत |

झारखंड: लातेहार में सात लड़कियों समेत आठ की तालाब में डूबने से मौत

झारखंड: लातेहार में सात लड़कियों समेत आठ की तालाब में डूबने से मौत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : September 18, 2021/10:23 pm IST

लातेहार, 18 सितंबर (भाषा) झारखंड के लातेहार जिले में ‘करमा पूजा’ के बाद डाली को विसर्जित करने गईं सात लड़कियों समेत आठ लोगों की दो स्थानों पर डूबने से मौत हो गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उपायुक्त अबू इमरान ने बताया कि ये घटनाएं जिले में शेरेगाड़ा के बुकरू गांव और शिबला पंचायत के तहत आने वाले एक अन्य गांव में उस वक्त हुई जब वे करमा पूजा के बाद इस पेड़ की डाली विसर्जित करने एक तालाब गई थी।

इमरान ने बताया कि जिले के उप विकास आयुक्त शेखर वर्मा को बुकरू में 12 से 20 वर्ष की आयु की सात लड़कियों के डूबने की जांच करने को कहा गया है। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना को लेकर दुख व्यक्त किया है।

उन्होने एक ट्वीट में कहा, ‘‘लातेहार जिले के शेरेगाड़ा गांव में करम डाली (करमा पेड़ की डालियां) विसर्जन के दौरान 7 बच्चियों की डूबने से हुई मौत की खबर सुनकर स्तब्ध हूँ। परमात्मा दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवारों को दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति दें।’’

पलामू क्षेत्र के आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने कहा कि यह घटना करम डाली को विसर्जित करने के दौरान हुई और एक दूसरे को बचाने की कोशिश के दौरान डूबी लड़कियों के शव लातेहार जिला अस्पताल भेजे गये हैं।

अधिकारियों के मुताबिक 10 लड़कियों का समूह करम डाली का विर्सजन करने तालाब में गया था, जब उनमें से दो डूबने लगी तो उन्हें बचाने की कोशिश में सात अन्य डूब गईं, जबकि तीन अन्य लड़कियों का इलाज चल रहा है।

उन्होंने बताया, ‘‘चार लड़कियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य ने बालूमाथ एचएचसी ले जाने के रास्ते में दम तोड़ दिया।’’

मृतकों में तीन बहनें भी शामिल हैं जिनकी पहचान रेखा कुमारी (18), रीना कुमारी (16) और लक्ष्मी कुमारी (12) के तौर पर की गई हैं।

अन्य की पहचान, सुषमा कुमारी (12), पिंकी कुमारी (18), सुनिता कुमारी (20), बसंती कुमारी (12), सूरज (10) के तौर पर की गई।

इसबीच, बुकरू में आक्रोशित ग्रामीणों ने बालूमाथ-चतरा रोड-राष्ट्रीय राजमार्ग 98 अवरूद्ध कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि खुदाई के लिए तालाब को चौड़ा किये जाने के कारण यह घटना हुई।

एक अधिकारी द्वारा सातों लड़कियों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने के बाद शाम में सड़क यातायात सुचारू हो सका।

करमा झारखंड का एक मुख्य त्योहार है जिसके तहत प्रकृति की पूजा की जाती है और इसे आदिवासियों द्वारा पूरे उत्साह से मनाया जाता है।

भाषा

सुभाष पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)