जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने ‘राष्ट्र विरोधी’ पोस्ट के आरोपी की पीएसए के तहत हिरासत को बरकरार रखा

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने ‘राष्ट्र विरोधी’ पोस्ट के आरोपी की पीएसए के तहत हिरासत को बरकरार रखा

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने ‘राष्ट्र विरोधी’ पोस्ट के आरोपी की पीएसए के तहत हिरासत को बरकरार रखा
Modified Date: December 9, 2025 / 04:03 pm IST
Published Date: December 9, 2025 4:03 pm IST

श्रीनगर, नौ दिसंबर (भाषा)जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ सामग्री पोस्ट करने के आरोपी को जनसुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत एहतियातन हिरासत में रखने के फैसले को बरकरार रखा है।

न्यायमूर्ति संजय धर ने पिछले सप्ताह कुपवाड़ा के जिलाधिकारी द्वारा फरवरी 2024 में वसीम अहमद डार उर्फ ​​लीपा के खिलाफ पीएसए के तहत जारी किए गए एहतियातन हिरासत के आदेश को बरकरार रखा।

उच्च न्यायालय ने आदेश में कहा, ‘‘ यह एक ऐसा मामला है, जिसमें याचिकाकर्ता की कथित गतिविधियों के आधार पर हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी की आशंका विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त रिपोर्ट पर आधारित थी, जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा अपने फेसबुक अकाउंट पर अपलोड किए गए वीडियो भी शामिल थे।’’

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न्यायमूर्ति धर ने अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने अपने फेसबुक अकाउंट पर इन राष्ट्र-विरोधी वीडियो/फोटो/पोस्ट/चैट को अपलोड किया था, जिनके आधार पर हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी इस बात से संतुष्ट थे कि याचिकाकर्ता को हिरासत में लेना आवश्यक है, ताकि उसे उन गतिविधियों में शामिल होने से रोका जा सके, जो राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं।’’

पीएसए एहतियातन हिरासत में लेने का कानून है, जो प्राधिकारियों को राज्य की सुरक्षा या लोक व्यवस्था को खतरा पहुंचाने के संदेह में किसी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए दो साल तक के लिए हिरासत में रखने की अनुमति देता है।

अदालत ने इस दलील को खारिज कर दिया कि प्राधिकारियों ने सामान्य आपराधिक कानून के तहत प्रक्रिया का पालन नहीं किया है, बल्कि याचिकाकर्ता को सीधे एहतियातन हिरासत में ले लिया।

भाषा धीरज दिलीप

दिलीप


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