जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया

agar malwa news/ image source: IBC24

Modified Date: November 15, 2025 / 10:26 pm IST
Published Date: November 15, 2025 10:26 pm IST

जम्मू, 15 नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कई राज्यों में साइबर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ कर 2.27 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बरामद की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि दलपतियान मोहल्ला निवासी खालिद हसन द्वारा 10 नवंबर को नगरोटा थाने में मामला दर्ज कराए जाने के बाद यह सफलता मिली।

हसन के अनुसार, आठ अप्रैल को उनके भाई साजिद हसन का फोन आया, जिन्होंने 54 लाख रुपये की तत्काल राशि मांगी। अपने भाई के अनुरोध पर उन्होंने जम्मू-कश्मीर बैंक से 54 लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया।

 ⁠

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि 10 नवंबर को हसन को उनके भाई ने बताया कि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज एप्लिकेशन के माध्यम से निवेश की गई ऋण राशि सहित दो करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा धोखाधड़ी से निकाल ली गई है।

उन्होंने कहा कि शिकायत के बाद पीड़ित को राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 के माध्यम से ऑनलाइन धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी गई।

एनसीसीआरपी पोर्टल के माध्यम से दर्ज की गई शिकायत में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्लेटफॉर्म पर धोखाधड़ीपूर्ण व्यापारिक गतिविधियों के माध्यम से 2,27,45,264 रुपये की साइबर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया।

प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान, पीड़ित और संदिग्ध धोखेबाजों के बैंक स्टेटमेंट प्राप्त किए गए और उनका विश्लेषण किया गया, जिसके बाद पाया गया कि गबन की गई राशि को संदिग्धों द्वारा संचालित कई बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि त्वरित पुलिस कार्रवाई के परिणामस्वरूप कई धोखाधड़ी वाले खातों को फ्रीज कर दिया गया और अदालत के आदेश के बाद गबन की गई राशि को सही खाते में भेज दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप कुल 2.27 करोड़ रुपये की वसूली हुई।

प्रवक्ता ने बताया कि जांच दल ने अब तक मामले में 13 संदिग्धों की पहचान की है और विभिन्न राज्यों में संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए कई पुलिस टीम गठित की गई हैं।

भाषा रवि कांत नेत्रपाल

नेत्रपाल


लेखक के बारे में