बेंगलुरू, 11 सितंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने वार्षिक पारिस्थितिक घाटे की रिपोर्ट का विचार रखा है ताकि सरकार राज्य के बजट में इससे संबंधित प्रावधान कर सके।
बोम्मई ने शनिवार को वनवासियों के बलिदान दिवस के अवसर पर कहा, “मैं वन, पर्यावरण और पारिस्थितिक विभाग को हमारी कुल प्राकृतिक संसाधन संपत्ति में वार्षिक नुकसान और कुल घाटे से संबंधित एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का सुझाव दे रहा हूं। आप ऐसा करें और मैं इस साल के बजट में पारिस्थितिक क्षति की भरपाई का प्रावधान करूंगा। यह कर्नाटक के इतिहास में पहली बार होगा।“
मुख्यमंत्री ने कहा, “पारिस्थितिक बजट आज के दौर की आवश्यकता है। यदि हम इस नुकसान की अनदेखी करते रहे तो अंतत: एक दिन यह हमारे लिए विनाशकारी साबित होगा।“
बोम्मई ने प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन को भविष्य के लिए विनाशकारी करार देते हुए कहा कि वनों का अस्तित्व इस बात का प्रमाण है कि पूर्वजों ने उनकी रक्षा की है। इसकी रक्षा करना सभी पर बाध्यकारी है और यह सभी का दायित्व भी है।
उन्होंने कहा कि 20 वर्ष में वनों का विनाश पिछले 2,000 वर्षों में हुई क्षति को पार कर गया है। उन्होंने कहा, ‘केवल 20 वर्ष में जिस गति से पारिस्थितिक विनाश हुआ है वह बेहद डरावना है।’
मुख्यमंत्री ने कहा, “यदि हम पारिस्थितिक घाटे का आकलन कर सकते हैं, तो हम नुकसान की भरपाई के लिए बजट का प्रावधान कर सकते हैं। तभी हम पारिस्थितिकी के विनाश को रोक सकते हैं और 50 से 60 प्रतिशत नुकसान की भरपाई की जा सकती है।“
गौरतलब है कि कर्नाटक में 43 लाख हेक्टेयर जंगल का 21.5 प्रतिशत भाग नष्ट हो गया है। उन्होंने अधिकारियों से लकड़ी के तस्करों पर नकेल कसने को कहा।
भाषा रवि कांत माधव
माधव
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