कर्नाटक: महिला को यौन शोषण मामले में शिकायत दर्ज कराने के लिए ‘मजबूर’ करने की जांच शुरू

कर्नाटक: महिला को यौन शोषण मामले में शिकायत दर्ज कराने के लिए 'मजबूर' करने की जांच शुरू

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  • Publish Date - May 10, 2024 / 05:59 PM IST,
    Updated On - May 10, 2024 / 05:59 PM IST

बेंगलुरु, 10 मई (भाषा) हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा कथित तौर पर यौन शोषण किए जाने के मामलों की जांच कर रहा विशेष जांच दल (एसआईटी) उन लोगों की पहचान करने के लिए तफ्तीश कर रहा है, जिन्होंने एक महिला को कथित तौर पर फोन कर उसे जद (एस) नेता के खिलाफ ‘फर्जी शिकायत’ दर्ज कराने के लिए ‘मजबूर’ किया। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

यह कदम राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के यह कहने के बाद उठाया गया है कि उसके पास पहुंची एक महिला शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसे 33 वर्षीय सांसद के खिलाफ फर्जी शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था।

जद (एस) के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना हासन से लोकसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार हैं।

सूत्रों ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बी के सिंह की अध्यक्षता वाली जांच टीम को महिला के बारे में तब पता चला जब एनसीडब्ल्यू ने एसआईटी को शिकायत भेजी।

जांच टीम में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एसआईटी के किसी भी सदस्य ने पहले महिला से संपर्क नहीं किया है और उसने इस संबंध में उनके पास कोई शिकायत दर्ज नहीं की है।

एक सूत्र ने कहा, ‘एसआईटी ने महिला को फोन करने वाले व्यक्तियों की पहचान करने के लिए इस मामले की जांच शुरू कर दी है और तदनुसार ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’

एनसीडब्ल्यू के अनुसार, शिकायतकर्ता महिला तीन व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए आयोग में आई थी, जिन्होंने कथित तौर पर खुद को कर्नाटक पुलिस के अधिकारी बताया और उस पर इस मामले में कथित तौर पर झूठी शिकायत देने के लिए दबाव डाला।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा ”महिला ने कहा कि उसे अलग-अलग फोन नंबरों से कॉल कर (शिकायत दर्ज कराने के लिए) धमकाया जा रहा है। यह पता चला है कि शिकायतकर्ता को व्यक्तियों के एक समूह द्वारा उत्पीड़न और झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर किया गया था। पीड़िता ने स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए अपने परिवार के कल्याण के लिए सुरक्षा की मांग की है।”

भाषा

शुभम मनीषा

मनीषा