केरल बाढ़: रमेश ने गाडगिल समिति की रिपोर्ट लागू न करने की आलोचना की

केरल बाढ़: रमेश ने गाडगिल समिति की रिपोर्ट लागू न करने की आलोचना की

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  • Publish Date - October 17, 2021 / 12:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

Keral flood Ramesh criticizes Gadgil committee

,तिरुवनंतपुरम, 17 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने केरल के पहाड़ी क्षेत्रों में विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन की लगातार घटनाओं के लिए ‘पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट’ लागू न करने को जिम्मेदार ठहराया है। समिति की ओर से प्रख्यात पारिस्थितिकीविद् माधव गाडगिल द्वारा 2011 में यह रिपोर्ट तैयार की गयी थी।

रमेश ने केरल के कोट्टायम और इडुक्की जिलों के पहाड़ी इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण हुई तबाही के एक दिन बाद ट्विटर पर लिखा, ‘‘केरल में जब भी कोई प्राकृतिक आपदा होती है, माधव गाडगिल की 2011 की ‘पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ समिति’ की रिपोर्ट को याद किया जाता है। एक दशक बाद भी इसे लागू नहीं किया गया है, खासकर 2018 और 2020 में विनाशकारी बाढ़ के बावजूद।’’

पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि छह राज्यों में फैले सम्पूर्ण पश्चिमी घाट के लिए संबंधित रिपोर्ट की प्रासंगिकता जारी है, लेकिन दुख की बात है कि ऐसा नहीं किया जा सककता है, जबकि पारिस्थितिकी विनाश बेरोकटोक जारी है।

उनका यह बयान तब आया है जब कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने हाल में आई बाढ़ के आलोक में, दुनिया के सबसे बड़े जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट में से एक, पश्चिमी घाट की पारिस्थितिकी की रक्षा के लिए गाडगिल समिति की रिपोर्ट को लागू करने की आवश्यकता जताई है।

पारिस्थितिकीविद् माधव गाडगिल की अध्यक्षता वाली पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ समिति को गाडगिल आयोग के रूप में भी जाना जाता है। यह 2010 में रमेश द्वारा नियुक्त एक पर्यावरण अनुसंधान आयोग था, जब वह मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री थे।

आयोग ने 31 अगस्त, 2011 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी, जिसमें उसने पश्चिमी घाट के 64 प्रतिशत क्षेत्र को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने की सिफारिश की थी।

हालांकि, बाद में 2012 में, मंत्रालय ने गाडगिल समिति की रिपोर्ट की जांच के लिए भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में पश्चिमी घाट पर एक कार्यदल का गठन किया।

उन्होंने कहा कि कस्तूरीरंगन रिपोर्ट ने क्षेत्र को 64 प्रतिशत से 37 प्रतिशत तक कम कर दिया था और पहाड़ियों की रक्षा में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित स्थानीय निकायों की किसी भी भूमिका से इनकार किया था।

भाषा सुरेश

सुरेश देवेंद्र

देवेंद्र