कोच्चि (केरल), 30 सितंबर (भाषा) केरल सरकार ने एक धार्मिक अल्पसंख्यक समूह समेत कुछ वर्गों को आरक्षण तथा फीस में छूट देने वाली केरल लोक सेवा अकादमी (केएससीएसए) की दाखिला नीति को चुनौती देने वाली याचिका का उच्च न्यायालय में विरोध किया है।
राज्य सरकार ने दलील दी कि ऐसा फैसला लेने की वैध और उचित वजहें थी।
‘डेमोक्रेटिक सोशल जस्टिस पार्टी’ (डीएसजेपी) के अध्यक्ष द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय में जवाबी हलफनामा दायर करते हुए राज्य सरकार ने कहा कि यह फैसला अवैध या मनमाने तरीके से नहीं लिया गया क्योंकि सभी केंद्रों में आरक्षण का कुल प्रतिशत 50 से अधिक नहीं है।
गौरतलब है कि डीएसजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केएसआर मेनन ने रिट याचिका दाखिल कर अकादमी की कई केंद्रों में दाखिला नीति को अंसवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 में दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।
भाषा गोला माधव
माधव