तिरुवनंतपुरम, 18 जनवरी (भाषा) केरल के स्वास्थ्य विभाग ने सरकार द्वारा राज्य में चलाई जा रही कृमिनाशक गतिविधियों के तहत बच्चों और किशोरों को वितरित की जा रही गोलियों के संबंध में कथित रूप से फर्जी प्रचार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
एक सरकारी विज्ञप्ति में बुधवार को कहा गया कि राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के निर्देश पर दायर शिकायत में मांग की गई है कि इस तरह की गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय के तौर पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
सरकार ने अपनी कृमिनाशक पहल के तहत 17 जनवरी को राज्य भर में एक से 19 वर्ष के बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां वितरित की थीं।
पूर्व में जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कृमि संक्रमण बच्चों में एनीमिया, कुपोषण और थकान जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है और पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की उनकी क्षमता को भी कम करता है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने यह पहल शुरू की है।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा था कि हर छह महीने में एक बार कृमिनाशक गोलियों का सेवन करने से एनीमिया को रोका जा सकेगा और बच्चों का शारीरिक विकास सुनिश्चित होगा।
विभाग ने कहा कि कृमि संक्रमण के लक्षणों में उत्साह की कमी, थकान, ध्यान की कमी, भूख न लगना, वजन कम होना, पेट में दर्द, चक्कर आना, उल्टी और दस्त शामिल हैं।
विभाग के अनुसार, स्वच्छता का अभाव जैसे खाना खाने से पहले हाथ न धोना और कुछ खरोंचने के बाद नाखून चबाना, मिट्टी में खेलना, मल से दूषित पानी पीना, संक्रमण के संचरण के कुछ तरीके हैं तथा मक्खियां भी संक्रमण फैलाने में सहायक होती हैं।
निवारक उपायों में खाने से पहले और बाद में और शौचालय का उपयोग करने के बाद भी हाथ धोना, फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से साफ करना, मानव और पशु मल का उचित निपटान, नाखूनों को काटना और साफ रखना, उबला हुआ पानी पीना और हर छह महीने में एक बार एल्बेंडाजोल की गोलियां लेना शामिल हैं।
भाषा सुरभि मनीषा
मनीषा
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