केरल उच्च न्यायालय ने सुधाकरन को जयराजन की हत्या की साजिश रचने के मामले में बरी किया

केरल उच्च न्यायालय ने सुधाकरन को जयराजन की हत्या की साजिश रचने के मामले में बरी किया

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  • Publish Date - May 21, 2024 / 02:56 PM IST,
    Updated On - May 21, 2024 / 02:56 PM IST

कोच्चि, 21 मई (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) प्रमुख के. सुधाकरन को 1995 में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के मौजूदा संयोजक ई. पी. जयराजन सहित मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कुछ वरिष्ठ नेताओं की हत्या की साजिश रचने के आरोप में मंगलवार को बरी कर दिया।

उच्च न्यायालय ने सुधाकरन और मामले के एक अन्य आरोपी राजीवन को यह कहते हुए बरी कर दिया कि आंध्र प्रदेश पुलिस पहले ही उनके खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोपों की जांच कर चुकी है। ऐसे में उन्हीं आरोपों पर केरल में दर्ज की गई दूसरी प्राथमिकी उचित नहीं थी।

जयराजन की हत्या का प्रयास और इस संबंध में साजिश रचने का आरोप लगाते हुए सुधाकरन के खिलाफ आंध्र प्रदेश में मामला दर्ज किया गया था। जयराजन ट्रेन में यात्रा कर रहे थे और आंध प्रदेश के चिराला इलाके में ट्रेन में गोली लगने से घायल हो गए थे।

न्यायमूर्ति जियाद रहमान ए. ए. ने कहा कि चूंकि दोनों प्राथमिकी में अभियोजन के बयान एक ही हैं और आरोप भी एक ही व्यक्ति के खिलाफ हैं, इसलिए केरल में दर्ज मामले को दूसरी प्राथमिकी मानना कानून के तहत उचित नहीं है।

केरल उच्च न्यायालय का आदेश सुधाकरन और राजीव द्वारा न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट (जेएफसीएम) अदालत के 2016 के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर आया, जिसमें उन्हें आरोपमुक्त करने की उनकी प्रार्थना को खारिज कर दिया गया था।

जेएफसीएम अदालत के आदेश के खिलाफ उनकी अपील को स्वीकार करते हुए केरल उच्च न्यायालय ने कहा कि चूंकि दूसरी प्राथमिकी उचित नहीं है इसलिए ‘याचिकाकर्ताओं (सुधाकरन और राजीव) के खिलाफ अभियोजन उचित नहीं है क्योंकि यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार सहित याचिकाकर्ताओं के विभिन्न अधिकारों का उल्लंघन करता है।”

भाषा प्रीति अविनाश

अविनाश