( तस्वीर सहित )
तिरुवनंतपुरम, 16 मई (भाषा) एयर इंडिया एक्सप्रेस के चालक दल के सदस्यों की हड़ताल के कारण उड़ान रद्द हो जाने के चलते, ओमान के अस्पताल में भर्ती अपने पति से आखिरी बार नहीं मिल पाने वाली महिला के रिश्तेदारों ने बृहस्पतिवार को केरल की राजधानी में एयरलाइन कार्यालय के बाहर मृतक के शव के साथ विरोध प्रदर्शन किया।
मृतक के शव को सुबह केरल लाया गया। शव के साथ रिश्तेदार सीधे एयर इंडिया (एआईएसएटीएस) कार्यालय गये जहां उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया।
टीवी चैनलों पर दिखाए गए दृश्यों के अनुसार, रिश्तेदारों ने शव को एआईएसएटीएस कार्यालय की इमारत की सीढ़ियों के सामने रखा और आसपास चुपचाप खड़े हो गये।
महिला के पिता ने आरोप लगाया कि एयरलाइन के जड़ रवैये के कारण उन्होंने अपने दामाद को खो दिया।
बाद में, महिला के पिता एयरलाइन कार्यालय के मुख्य दरवाजे के अंदर जाकर बैठ गये। उन्होंने कहा कि वे तब तक वहां से नहीं हटेंगे जब तक घटना के संबंध में एयर इंडिया एक्सप्रेस कोई फैसला नहीं ले लेती।
उन्होंने कहा, ”अंतिम संस्कार और क्रियाक्रम होते रहें लेकिन जब तक एयरलाइन कोई निर्णय नहीं लेती, मैं यहां से नहीं जाऊंगा। भविष्य में किसी और के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए।”
पिता ने कहा, ”एयरलाइन को मेरी बेटी और उसके बच्चों का खर्च उठाना पड़ेगा। उन्हें हमें मुआवजा देना होगा। जब तक एयरलाइन मुआवजे के संबंध में कोई निर्णय नहीं लेती, मैं यहां से नहीं जाऊंगा।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि अब तक एयरलाइन ने निरस्त टिकटों की राशि भी वापस नहीं की है। उन्होंने कहा ”हमारी मुख्य मांग एयरलाइन से निरस्त टिकटों की राशि वापस लेना नहीं है।”
अमृता के पति नंबी राजेश को दिल का दौरा पड़ने के बाद ओमान के मस्कट में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह आईसीयू में थे। पेशे से इंजीनियर राजेश ने अमृता और बच्चों से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। तब अमृता ने आठ मई के लिए एयर एक्सप्रेस उड़ान में टिकट बुक कराया था।
हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद अमृता को पता चला कि उड़ान रद्द कर दी गई है। अमृता और विमान में यात्रा करने वाले सभी लोग आक्रोषित हो गये।
हवाई अड्डे पर अमृता के विरोध जताने पर उसे अगले दिन के लिए एक और एयर इंडिया एक्सप्रेस उड़ान का टिकट दिया गया, लेकिन दुर्भाग्य से वह उड़ान भी रद्द कर दी गई। लिहाजा महिला को अपनी यात्रा निरस्त करनी पड़ी।
ओमान के मस्कट में 13 मई को नंबी राजेश की मृत्यु हो गयी। उसके परिवार वालों ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि अमृता अपने पति से आखरी बार नहीं मिल पाई।
उन्होंने कहा कि उन्होंने एयरलाइन से अनुरोध किया था कि अमृता को किसी और उड़ान में समायोजित किया जाए ताकि वह अपने पति को आखिरी बार देख सके लेकिन एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कुछ नहीं किया।
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस ने पिछले हफ्ते चालक दल के सदस्यों की कमी के कारण कई उड़ानें रद्द की थीं क्योंकि कर्मचारियों ने एयरलाइन के कथित कुप्रबंधन के विरोध में बीमार होने की सूचना देकर अचानक बड़ी संख्या में छुट्टी ले ली थी।
एयर इंडिया के एआईएक्स कनेक्ट, पूर्व में एयरएशिया इंडिया के साथ विलय के बाद चालक दल के सदस्यों में कम लागत वाले करियर को लेकर असंतोष पनप रहा था। उनके एक वर्ग ने बीते 10 मई को हड़ताल वापस ले ली और एयरलाइन ने 25 हड़ताली सदस्यों को जारी किए गए सेवा-समाप्ति पत्र भी वापस ले लिये।
एयरलाइन के एक सूत्र ने बताया था कि चालक दल के सदस्यों की कमी के कारण आठ मई से 10 मई तक एयर इंडिया एक्सप्रेस को 260 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं।
एयरलाइन ने 12 मई को कहा था कि वह धीरे-धीरे अपनी उड़ानों को बहाल तथा नेटवर्क को स्थिर कर रही है और मंगलवार तक स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने की उम्मीद है। उसी दिन, केबिन क्रू यूनियन ने कहा था कि बीमार होने से छुट्टी लेने वाले सभी सदस्य 11 मई तक ड्यूटी पर आ गये थे।
भाषा मनीषा
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